पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन , 90 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा, इंदिरा से लेकर राजीव गांधी तक के साथ किया काम
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता शिवराज पाटिल का 90 साल की उम्र में शुक्रवार (12 दिसंबर) सुबह महाराष्ट्र के लातूर में निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। पाटिल ने शुक्रवार सुबह करीब 6.30 बजे अपने घर पर आखिरी सांस ली
पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार को निधन हो गया। उन्होंने 91 साल की आयु में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था।
नेशनल डेस्क: कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का आज सुबह 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। जानकारी के अनुसार, सुबह करीब 6:30 बजे उन्होंने महाराष्ट्र के लातूर स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली। पाटिल पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे और उनका घर पर ही इलाज किया जा रहा था। उनका पूरा नाम शिवराज पाटिल चाकुरकर था। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में लोकसभा स्पीकर से लेकर कई केंद्रीय मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली।
शिवराज पाटिल का राजनीतिक सफर
शिवराज पाटिल का जन्म महाराष्ट्र के लातूर जिले में हुआ था। उनका राजनीति से गहरा नाता रहा। 1973 से 1980 तक वे महाराष्ट्र विधानसभा के विधायक रहे। इसके बाद 1980 से 1999 तक उन्होंने लगातार सात बार लोकसभा चुनाव जीता और संसद पहुंचे। इंदिरा गांधी सरकार में उन्होंने रक्षा मंत्री के रूप में काम किया। राजीव गांधी के कार्यकाल में उन्हें नागर विमानन मंत्री की जिम्मेदारी मिली। लोकसभा स्पीकर रहते हुए उन्होंने संसद में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया और कई नए सुधारों की शुरुआत की।
2008 मुंबई आतंकी हमले के समय थे गृह मंत्री
साल 2008 में जब मुंबई पर बड़ा आतंकी हमला हुआ था, तब शिवराज पाटिल देश के केंद्रीय गृह मंत्री थे। इस हमले के बाद उनकी भूमिका को लेकर काफी चर्चा हुई थी। बाद में उन्होंने गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
राज्यपाल के रूप में भी दी सेवाएं
केंद्रीय राजनीति के बाद शिवराज पाटिल को 2010 में पंजाब का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इसके साथ-साथ वे चंडीगढ़ के प्रशासक भी रहे और 2015 तक इस पद पर बने रहे।
देश की राजनीति का बड़ा चेहरा
शिवराज पाटिल अपने शांत स्वभाव, सादगी और सुलझे हुए राजनीतिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने करीब पांच दशक से अधिक समय तक सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहकर देश की राजनीति में अहम योगदान दिया। कांग्रेस पार्टी सहित कई राष्ट्रीय नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनका जाना भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति माना जा रहा है।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस