मध्यप्रदेश विधानसभा को मिलेगा नया प्रमुख सचिव, अरविंद शर्मा का नाम सबसे आगे

मध्यप्रदेश विधानसभा में बड़े प्रशासनिक बदलाव की तैयारी है। मौजूदा प्रमुख सचिव एपी सिंह 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं और अब चर्चा है कि उनका कार्यकाल आगे नहीं बढ़ेगा। ऐसे में विधानसभा सचिव अरविंद शर्मा का नाम नए प्रमुख सचिव के रूप में सबसे आगे माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि 1 अक्टूबर से विधानसभा को नया प्रमुख सचिव मिल सकता है।

मध्यप्रदेश विधानसभा को मिलेगा नया प्रमुख सचिव, अरविंद शर्मा का नाम सबसे आगे

विधानसभा में सचिव की जिम्मेदारी निभा रहे अरविंद शर्मा को नया प्रमुख सचिव बनाए जाने की संभावना

MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह 30 सितंबर को रिटायर होने वाले हैं, ऐसे में उनकी जगह नए प्रमुख सचिव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है. वर्तमान में एमपी विधानसभा में सचिव की जिम्मेदारी निभा रहे अरविंद शर्मा का नाम इस पद के लिए सबसे ज्यादा चर्चा में है, खास बात यह है कि प्रमुख सचिव की नियुक्ति करना विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार होता है,

चूंकि अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ही अरविंद शर्मा को लोकसभा से प्रतिनियुक्ति पर लेकर आए थे, इसलिए उनका प्रमुख सचिव बनना लगभग तय माना जा रहा है।

1 अक्टूबर से मिल सकती है जिम्मेदारी

वर्तमान प्रमुख सचिव एपी सिंह को मानसून सत्र के दौरान सदन में स्वयं विधानसभा अध्यक्ष ने विदाई दी थी और विधायकों से शुभकामनाएं दिलाई थीं। इससे यह संकेत स्पष्ट हो गया था कि एपी सिंह का कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। ऐसे में यह माना जा रहा है कि एपी सिंह का कार्यकाल अब नहीं बढ़ेगा और नया प्रमुख सचिव नियुक्त किया जाएगा।

अरविंद शर्मा की दावेदारी सबसे मजबूत

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने विधानसभा चुनाव के बाद अध्यक्ष बनने के बाद अरविंद शर्मा को लोकसभा से प्रतिनियुक्ति पर लाकर विधानसभा सचिव बनाया था। एक साल की प्रतिनियुक्ति के बाद उनका संविलियन विधानसभा में हो गया। वर्तमान में वे 60 साल की उम्र पार कर चुके हैं और विधानसभा नियमों के अनुसार वे 62 साल की उम्र तक सेवा में रह सकते हैं।

इस हिसाब से यदि उन्हें प्रमुख सचिव बनाया जाता है, तो वे अगले दो सालों तक इस पद पर कार्यरत रह सकते हैं। चूंकि स्पीकर की पसंद वे स्वयं हैं, इसलिए उनकी नियुक्ति लगभग तय मानी जा रही है।

एपी सिंह को सेवा विस्तार की उम्मीद नहीं

एपी सिंह पहले ही 62 साल की उम्र में रिटायर हो चुके हैं, फिर उन्हें दो साल का विस्तार और फिर 6 महीने की संविदा सेवा दी गई थी, जो 30 सितंबर को समाप्त हो रही है। अब वे 64 साल से ज्यादा के हो चुके हैं और स्पीकर द्वारा उन्हें औपचारिक विदाई दी जा चुकी है, इसलिए सेवा बढ़ाने की संभावना नहीं बची है। हालांकि सिंह ने प्रमुख सचिव के रूप में विधानसभा में लंबा कार्यकाल पूरा किया है।

डीजे को पीएस बनाने का स्पीकर को है पावर

विधानसभा अधिनियम के तहत स्पीकर के पास यह भी अधिकार है कि वे जिला न्यायाधीश (डीजे) स्तर के अधिकारी को भी प्रमुख सचिव नियुक्त कर सकते हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार फिलहाल इसकी संभावना कम है, क्योंकि अरविंद शर्मा ही स्पीकर की प्राथमिकता में हैं।

विधानसभा सचिव पद की स्थिति

विधानसभा में सचिव के दो पद होते हैं। फिलहाल एक पद पर अरविंद शर्मा कार्यरत हैं जबकि दूसरा पद रिक्त है। चूंकि प्रमोशन में आरक्षण का मामला कोर्ट में लंबित है, इसलिए अगर शर्मा को प्रमुख सचिव बनाया जाता है, तो सचिव के दोनों पद कुछ समय के लिए रिक्त रखे जा सकते हैं और जिम्मेदारियां प्रभार से संचालित की जा सकती हैं।

विधानसभा में अपर सचिव के चार पद हैं, जिनमें से तीन भरे हुए हैं जबकि एक पद रिक्त है।