मोहन सरकार ने फिर लिया 3 हजार करोड़ का कर्ज! 15 दिनों के अंदर दूसरा कर्ज, इस साल ले चुके 34900 करोड़ का लोन

सरकार की ओर रेवेन्यू को लेकर कहा गया है कि इस वित्त वर्ष 2023-24 सरकार 12487.78 करोड़ के रेवेन्यू सरप्लस में थी। जिसमें आमदनी 234026.05 करोड़ रही और खर्च 221538.27 करोड़ रहा। साल 2024-25 में सरकार की रिवाइज्ड आमदनी 262009.01 करोड़ और खर्च 260983.10 करोड़ बताया है।

मोहन सरकार ने फिर लिया 3 हजार करोड़ का कर्ज! 15 दिनों के अंदर दूसरा कर्ज, इस साल ले चुके 34900 करोड़ का लोन

मध्यप्रदेश की मोहन सरकार एक बार फिर से 3 हजार करोड़ का कर्ज लिया...

भोपाल,आज फिर मोहन सरकार ने रिजर्व बैंक के जरिए तीन हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। जिसका भुगतान सरकार को 24 सितम्बर को होगा। मोहन सरकार ने 15 दिन के अंतराल में यह दूसरा कर्ज लिया है। 9 सितम्बर को चार हजार करोड़ रुपए के तीन कर्ज लिए गए थे जबकि आज 1500-1500 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए गए हैं।

मोहन सरकार ने मंगलवार को 1500 करोड़ का पहला कर्ज 18 साल के लिए लेने के लिए ऑक्सन प्रक्रिया की है। वहीं दूसरा कर्ज 1500 करोड़ रुपए का 21 साल की अ‌वधि के लिए लिया जा रहा है। दोनों ही कर्ज 3000 करोड़ रुपए के हैं। इस कर्ज के बाद एमपी सरकार पर मौजूदा कर्ज 456640.27 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। इसके पहले यह राशि 453640.27 करोड़ का कर्ज 9 सितम्बर की स्थिति मेंं हो चुका है। वहीं चालू वित्त वर्ष में लिए गए कर्ज का आंकड़ा बढ़कर 34900 करोड़ तक पहुंच गया है।

लोन लेने की लिमिट बरकरार

सरकार ने अपनी रेवेन्यू को लेकर कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार 12487.78 करोड़ के रेवेन्यू सरप्लस में थी। इसमें आमदनी 234026.05 करोड़ और खर्च 221538.27 करोड़ रहा। इसके विपरीत वित्त वर्ष 2024-25 में प्रदेश सरकार की रिवाइज्ड आमदनी 262009.01 करोड़ और खर्च 260983.10 करोड़ बताया है। इस तरह पिछले वित्त वर्ष में भी सरकार की आय 1025.91 करोड़ सरप्लस बताई गई है। जो भी लोन लिया जा रहा है वह लोन की लिमिट के भीतर है।

मोहन सरकार ने कब-कब लिया कर्ज

नौ सितम्बर को तीन कर्ज लिए गए थे जो 1500-1500 करोड़ तथा एक हजार करोड़ रुपए के थे। यह कर्ज 17 साल, 19 साल और 20 साल की अवधि के लिए हैं।

26 अगस्त को मोहन सरकार ने 2500 करोड़ और 2300 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए थे। यह लोन 20 साल और 18 साल की अवधि के लिए हैं।

5 अगस्त को 3 कर्ज लिए थे, जिसका भुगतान छह अगस्त को हुआ। इसमें पहला कर्ज 18 साल के लिए 1600 करोड़ का था। दूसरा कर्ज 20 साल के लिए 1400 करोड़ और तीसरा कर्ज 23 साल के लिए 1000 करोड़ रुपए का था। इस तरह कुल 4000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था।

30 जुलाई को 4300 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए। दोनों ही कर्ज 17 साल और 23 साल के लिए आरबीआई के माध्यम से लिए गए, जिसका भुगतान सालभर में दो बार कूपन रेट के जरिए ब्याज के रूप में किया जाएगा। ये दोनों ही कर्ज चालू वित्त वर्ष में लिए 7वें और 8वें कर्ज रहे हैं।

8 जुलाई को 2500 और 2300 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए थे। दोनों ही कर्ज 16 साल और 18 साल के लिए आरबीआई के माध्यम से लिए, जिसका भुगतान सालभर में दो बार कूपन रेट के जरिए ब्याज के रूप में किया जाएगा।

आरबीआई के माध्यम से 2 लोन 4 जून को लिए। पहला लोन 16 साल के लिए 2000 करोड़ रुपए का था। सरकार ब्याज के साथ इसकी अदायगी 4 जून 2041 तक करेगी। दूसरा लोन 18 साल के लिए 2500 करोड़ रुपए का था। यह 4 जून 2043 तक ब्याज के साथ चुकाया जाएगा।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष का पहला कर्ज 7 मई को लिया था। इस दिन दो कर्ज ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के लिए थे। मई में ढाई हजार करोड़ का पहला कर्ज 12 साल के लिए लिया था, जिसका ब्याज सात मई 2037 तक चुकाना है। इसी तरह ढाई हजार करोड़ रुपए का दूसरा कर्ज 7 मई को ही 14 साल के लिए लिया है, जिसकी भरपाई सात मई 2039 तक ब्याज के रूप में होगी।