साध्वी प्रज्ञा की जमानत के खिलाफ याचिका पर सुनवाई बंद, SC बोला- आने वाला है ट्रायल कोर्ट में फैसला

Malegaon Blast Case : भोपाल । भाजपा की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की जमानत के खिलाफ याचिका पर सुनवाई रुक गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, ट्रायल कोर्ट में फैसला आने वाला है और आगे विचार की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने नोट किया कि एनआईए कोर्ट ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में फैसला सुरक्षित रखा है
सुप्रीम कोर्ट ने आज (2 मई) निसार अहमद हाजी सईद बिलाल, विस्फोट पीड़ितों में से एक के पिता द्वारा 2017 में दायर एक विशेष अनुमति याचिका का निपटारा किया है। याचिका में 2008 के मालेगांव विस्फोटों में आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत देने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मामले की सुनवाई की। वरिष्ठ अधिवक्ता एजाज मजबूल (निसार के लिए) ने बताया कि साध्वी को 25 अप्रैल, 2017 को हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करते हुए एसएलपी दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि मामले में उनके खिलाफ "कोई प्रथम दृष्टया" मामला नहीं बनता है।
वकील ने सुझाव दिया कि, एनआईए कोर्ट ने मालेगांव धमाकों में लगभग 16 साल की अवधि के बाद अब सुनवाई पूरी कर ली है, इसलिए कोर्ट इस मामले का निपटारा कर सकता है। उन्होंने कहा कि 19 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा गया था। 29 सितंबर, 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले के एक शहर मालेगांव में हुए बम विस्फोट में सात लोग मारे गए थे। उन्होंने कहा कि एनआईए कोर्ट ने 108 गवाहों की जांच की है। कोर्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फैसला सुनाए जाने से पहले विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी का तबादला न किया जाए।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि, बॉम्बे हाई कोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार लाहोटी उन न्यायाधीशों की सूची में हैं जिनका तबादला प्रस्तावित है। हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने न्यायाधीश को 31 अगस्त तक वहीं रहने की अनुमति दी है।
आरोपी साध्वी की ओर से पेश वकील अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि फैसला 8 मई को सुनाए जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि सभी आरोपी व्यक्तियों को उस दिन अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश भी जारी किया गया है।