गेहूं भंडारण पर सख्ती के साथ राहत भी: व्यापारियों के लिए 3 हजार मीट्रिक टन तक स्टॉक सीमा तय - मंत्री गोविंद सिंह राजपूत

कीमतों को नियंत्रण में रखने और जमाखोरी रोकने सरकार ने 31 मार्च 2026 तक बढ़ाई स्टॉक लिमिट, उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई

गेहूं भंडारण पर सख्ती के साथ राहत भी: व्यापारियों के लिए 3 हजार मीट्रिक टन तक स्टॉक सीमा तय - मंत्री गोविंद सिंह राजपूत

कीमतों पर नियंत्रण रखने सरकार ने स्टॉक सीमा 31 मार्च तक बढ़ाई 

भोपाल। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि भारत सरकार द्वारा व्यापारियों के लिए 31 मार्च, 2026 तक के लिये गेहूँ के स्टॉक की सीमा निर्धारित कर दी गयी है। व्यापारी/थोक विक्रेता 3 हजार मीट्रिक टन तक और रिटेलर 10 मीट्रिक टन तक गेहूँ का भण्डारण कर सकते हैं। 

 राजपूत ने बताया कि इसी तरह चेन रिटेलर के प्रत्येक आउटलेट के लिये 10 मीट्रिक टन की सीमा इस आधार पर निर्धारित की गई है कि सभी आउटलेट पर अधिकतम मात्रा आउटलेटों की कुल संख्या के 10 गुना मीट्रिक टन से अधिक भण्डारित नहीं होना चाहिये। प्रोसेसर के लिये स्टॉक की मात्रा उसकी मासिक स्थापित क्षमता के 70 प्रतिशत मात्रा को वर्ष 2025-26 के शेष महीनों से गुणा करने पर आने वाली मात्रा से अधिक नहीं होना चाहिये।

खाद्य मंत्री  राजपूत ने बताया कि सरकार ने गेहूं की जमाखोरी रोकने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए स्टॉक सीमा को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है। व्यापारी, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता और प्रोसेसर अब तय सीमा में गेहूं का भंडारण कर सकते हैं। उल्लंघन करने वालों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह कदम खाद्य सुरक्षा और बाजार में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।