भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का एलान, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दी जानकारी
भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का एलान हो गया है। आज शाम 5 बजे से युद्धविराम की शुरुआत हो गई। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने यह जानकारी दी है। शनिवार को सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्ध विराम का एलान किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान तत्काल प्रभाव से सीजफायर के लिए तैयार हो गए हैं।

भारत पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष का आज चौथा दिन है। पाकिस्तान ने शुक्रवार को रात गहराते ही जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान से गुजरात तक के 26 इलाकों में फिर ड्रोन से हमला बोला। इसे भारतीय सैन्य बलों ने नाकाम कर दिया। पाकिस्तान बैकफुट पर आया। भारत ने शाम पांच बजे से संघर्षविराम का एलान किया।
भारत और पाकिस्तान सीजफायर के लिए राजी हो गए हैं। यह दावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने किया। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, 'रात में यूएस की मध्यस्थता में चली लंबी बातचीत के बाद मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान तुरंत और पूरी तरह हमले रोकने के लिए तैयार हो गए हैं। मैं दोनों देशों को कॉमनसेंस, समझदारी से भरा फैसला लेने के लिए बधाई देता हूं
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा, 'पाकिस्तान और भारत ने तत्काल प्रभाव से युद्ध विराम पर सहमति जताई है। पाकिस्तान ने हमेशा अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए प्रयास किया है।'
भारत ने अपनी शर्तों पर सीजफायर के लिए दी सहमति: विदेश मंत्रालय
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने आज दोपहर 15:35 बजे भारतीय DGMO को फोन किया। उनके बीच सहमति बनी कि दोनों पक्ष भारतीय मानक समयानुसार 17:00 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे। आज दोनों पक्षों को इस सहमति को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। सैन्य संचालन महानिदेशक 12 मई को 12:00 बजे फिर से बात करेंगे।"
पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री का बयान, बोले- हम तत्काल प्रभाव से युद्ध विराम पर सहमत
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने ट्वीट किया, "पाकिस्तान और भारत तत्काल प्रभाव से युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं। पाकिस्तान ने हमेशा अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए प्रयास किया है।"