चेक बाउंस पर नए ‘Cheque Bounce Rules 2025’ लागू – एमएसएमई और छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत - चम्पालाल बोथरा
केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से नए “Cheque Bounce Rules 2025” लागू किए हैं, जिन्हें CAIT की टेक्सटाइल & गारमेंट कमेटी के राष्ट्रीय चेयरमैन चम्पालाल बोथरा ने MSME और छोटे व्यापारियों के लिए ऐतिहासिक राहत करार दिया है। नए नियमों का उद्देश्य व्यापारियों को त्वरित न्याय, पारदर्शिता और पूँजी सुरक्षा प्रदान करना है।
चेक बाउंस पर नई सख्त व्यवस्था: MSME और छोटे व्यापारियों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए लागू हुए ‘Cheque Bounce Rules 2025’
Surat,देश भर के व्यापारियों, खासकर MSME एवं छोटे व्यापारियों के लिए चेक-बाउंस से जुड़ी न्यायिक जटिलताओं और पूँजी फँसे रहने की समस्याओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। 1 अप्रैल 2025 से लागू किए गए नए नियम — ‘Cheque Bounce Rules 2025’ — को कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की टेक्सटाइल & गारमेंट कमेटी ने व्यापारिक समुदाय के हित में अत्यंत सराहनीय और दूरदर्शी कदम बताया है।
CAIT की टेक्सटाइल एवं गारमेंट कमेटी के राष्ट्रीय चेयरमैन श्री चम्पालाल बोथरा ने इन सुधारों को
“भुगतान अनुशासन और व्यापारिक विश्वास हेतु एक सकरात्मक कदम” करार दिया है।
बोथरा ने बताया कि ये नए प्रावधान व्यापारियों को त्वरित न्याय, पारदर्शिता तथा पूँजी की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:
जेल और दोगुना जुर्माना
जानबूझकर या लापरवाही से चेक बाउंस होने की स्थिति में दोषी को अब अधिकतम दो वर्ष तक की जेल और
चेक राशि के दोगुने तक जुर्माना, अथवा दोनों दंड दिए जा सकते हैं।
ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा
अब चेक बाउंस की शिकायत पूरी तरह ऑनलाइन दायर की जा सकेगी। इससे दूरदराज, छोटे शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी और कानूनी प्रक्रिया सरल होगी।
*डिजिटल सबूतों की वैधता*
SMS, ई-मेल, बैंक अलर्ट एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को अब अदालत में वैध डिजिटल सबूत माना जाएगा।
इससे फर्जी बहानों और झूठे दावों में कमी आएगी।
*शिकायत दर्ज करने की समय-सीमा बढ़ी*
शिकायत दर्ज कराने की समय-सीमा को बढ़ाकर 1 महीने से 3 महीने कर दिया गया है, जिससे पीड़ित व्यापारी को पर्याप्त समय मिलेगा।
बैंक खाता फ्रीज़ करने का प्रावधान
यदि किसी खाते से लगातार तीन बार चेक बाउंस होता है, तो बैंक उस खाते को अस्थायी रूप से फ्रीज़ कर सकता है या चेक-बुक सुविधा को सीमित कर सकता है। यह प्रावधान लगातार डिफॉल्टरों पर सख्त रोक लगाएगा।
चंपालाल बोथरा ने कहा:
“इन नए नियमों से MSME और छोटे व्यापारियों की सबसे बड़ी समस्या — पूँजी का लंबे समय तक फँसा रहना — अब काफी हद तक समाप्त होगी। ये प्रावधान व्यापारियों को त्वरित न्याय देने के साथ-साथ पूरे व्यापारिक वातावरण में भुगतान अनुशासन और भरोसे को मजबूत करेंगे।”
उन्होंने सरकार और बैंकिंग संस्थाओं से आग्रह किया कि इन नियमों को सख्ती और तेजी से लागू किया जाए, ताकि इसका वास्तविक लाभ देश के व्यापारियों तक पहुँच सके। साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भविष्य में डिजिटल भुगतान विवादों (UPI, NEFT, RTGS आदि) के लिए भी ऐसी ही तेज, सरल और पारदर्शी प्रक्रिया लागू की जाए।
श्री बोथरा ने दोहराया कि CAIT सदैव देश के व्यापारिक समुदाय की समस्याओं को प्राथमिकता से उठाने, सरकार और नियामक संस्थाओं तक प्रभावी ढंग से पहुँचाने तथा आवश्यक नीति-सुधारों के लिए सक्रिय रहेगा।

प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस