महिला डॉक्टर ने की खुदकुशी की कोशिश। डॉक्टर ने घर पर लगाया बेहोशी का इंजेक्शन,अब तक कारण स्पष्ट नहीं, न कोई नोट मिला

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां स्थित एम्स के इमरजेंसी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रश्मि वर्मा को गुरुवार रात गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। घर पर अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद पति उन्हें तुरंत एम्स लेकर पहुंचे।

महिला डॉक्टर ने की खुदकुशी की कोशिश। डॉक्टर ने घर पर लगाया बेहोशी का इंजेक्शन,अब तक कारण स्पष्ट नहीं, न कोई नोट मिला

भोपाल एम्स की डॉ. रश्मि वर्मा ने घर पर बेहोशी की दवा का इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या की कोशिश की।

भोपाल,अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भोपाल में इमरजेंसी एंड ट्रॉमा विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रश्मि वर्मा ने गुरुवार देर रात अपने घर पर बेहोशी की दवा का इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। उनकी हालत इस समय बेहद नाजुक बनी हुई है और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) पर रखा गया है।

डॉ. रश्मि की ड्यूटी पूरी होने के बाद शाम को घर लौटने के बाद यह घटना हुई। उनके पति, जो स्वयं एक ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ हैं, उन्हें रात करीब साढ़े दस बजे बेहोशी की हालत में एम्स लेकर पहुंचे। अस्पताल पहुंचते ही उनकी पल्स रेट और हार्टबीट तेजी से गिरने लगी, जिसके बाद साथी डॉक्टरों ने तत्काल उन्हें सीपीआर (CPR) देकर रिवाइव किया। डॉक्टरों ने बताया कि एम्स पहुंचने तक करीब पच्चीस मिनट बीत चुके थे और इन पच्चीस मिनटों में उनके हृदय ने काम करना लगभग बंद कर दिया था। वह इस समय मेन आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। नसों को कितना नुकसान पहुंचा है, इसकी वास्तविक स्थिति 72 घंटे बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।

आत्महत्या के प्रयास का कारण फिलहाल अज्ञात है। एम्स प्रबंधन ने पुष्टि की है कि न तो मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद हुआ है और न ही डॉ. रश्मि का कोई मैसेज सामने आया है। उनके पति ने बताया कि घर पर सब कुछ सामान्य था। हालांकि, नर्सिंग स्टाफ ने बुधवार को उन्हें दो वायल लेते हुए देखा था, जो उन्होंने रिश्तेदार को लगाने की बात कहकर ली थीं। बाद में उन्होंने डायरिया का बहाना बताकर खुद को कैनुला भी लगवाया था।

डॉ. रश्मि वर्मा एक अनुभवी चिकित्सक हैं। उन्होंने प्रयागराज के एमएलएन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से जनरल मेडिसिन में एमडी किया है। वह मेडिकल एजुकेशन और आईसीएमआर रिसर्च में सक्रिय रूप से जुड़ी हैं और उनके पास पांच साल का टीचिंग एक्सपीरियंस है। वह बीएलएस प्रोग्राम और नर्सिंग ट्रेनिंग सेशन में फैकल्टी इंचार्ज जैसी प्रशासनिक जिम्मेदारियां भी निभाती हैं। साथी डॉक्टर बताते हैं कि वह कई गरीब मरीजों के इलाज का खर्च स्वयं उठाती हैं और उन्हें अन्य संस्थाओं के माध्यम से मदद भी दिलाती हैं। पुलिस और एम्स प्रशासन इस गंभीर मामले की जांच कर रहे हैं।

घर पर माहौल सामान्य था, पति ने बताई घटना

डॉ. रश्मि के पति और ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. रतन वर्मा ने बताया कि घर में सबकुछ सामान्य था। सभी अपने काम में व्यस्त थे। जब वे पत्नी के पास पहुंचे तो वो बेहोश पड़ी थीं। इसके बाद वे रात करीब 10:30 बजे उन्हें एम्स लेकर आए।

अब तक कारण स्पष्ट नहीं, न कोई नोट मिला

अस्पताल और परिवार दोनों ही यह बता नहीं पा रहे हैं कि डॉ. रश्मि ने ऐसा कदम क्यों उठाया। न कोई सुसाइड नोट मिला है और न ही कोई ऐसा मैसेज जो वजह बताता हो। साथी डॉक्टरों के अनुसार, उन्होंने दिन में अपनी ड्यूटी सामान्य रूप से पूरी की थी।

72 घंटे बाद साफ होगी स्थिति

डॉक्टरों का कहना है कि रश्मि की रिकवरी शुरू हो गई है, लेकिन नसों को कितना नुकसान हुआ है, यह अगले 72 घंटे में ही पता चल सकेगा। फिलहाल वे मेन आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।

एम्स की जानी-मानी डॉक्टर, कई संस्थानों में किया काम

डॉ. रश्मि वर्मा एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज से एमबीबीएस और गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से एमडी कर चुकी हैं। उन्होंने विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम किया है और लगभग 5 साल का टीचिंग अनुभव रखती हैं।

वे डायबिटीज, हाइपरटेंशन, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और इमरजेंसी केयर में विशेष रुचि रखती हैं। इसके अलावा मेडिकल एजुकेशन और आईसीएमआर रिसर्च में भी सक्रिय हैं।