बाड़मेर जैन श्री संघ, सूरत द्वारा भव्य जिनशासन चार दिवसीय धर्म–आराधना पर्व

सूरत में होगा बाड़मेर जैन श्री संघ का चार दिवसीय जिनशासन महोत्सव, आचार्य जिनपीयूषसागर सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में धार्मिक उत्सवों की श्रृंखला

बाड़मेर जैन श्री संघ, सूरत द्वारा भव्य जिनशासन चार दिवसीय धर्म–आराधना पर्व

आचार्य जिनपीयूषसागर सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में सूरत में मनाया जाएगा जिनशासन धर्म–आराधना पर्व

सूरत, बाड़मेर जैन श्री संघ  सर्वमंगलमय वर्षावास द्वारा 2 से 5 नवम्बर 2025 तक चार दिवसीय धर्म–आराधना पर्व एवं जिनशासन महोत्सव का भव्य आयोजन कुशल दर्शन दादावाड़ी, पर्वत पाटिया, सूरत में किया जा रहा है।
यह पावन आयोजन युगनायक-धर्मशिरोमणि, संयम सारथी, शासन प्रभावक  खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूषसागर सूरीश्वरजी म.सा. (आदि ठाणा 8) एवं
प.पू. आर्या श्री प्रमोदिता श्रीजी म.सा. (आदि ठाणा 3) की निश्रा और आशीर्वाद से संपन्न होगा।
*चार दिवसीय कार्यक्रम का विवरण*
पहला दिवस — 2 नवम्बर, रविवार :-
बाल आराधना कार्ड भरने वाले बच्चों के लिए पारितोषिक वितरण समारोह।
दूसरा दिवस — 3 नवम्बर, सोमवार (कार्तिक सुदी 13):
➡️ प्रातः 9:15 बजे बाड़मेर भवन, मॉडल टाउन, सूरत में जीर्णोद्धार कृत उपाश्रय का लोकार्पण और मॉडल टाउन दादावाड़ी दर्शन वंदन 
➡️ सूरत में प्रथम बार “खरतर प्रवर्तक युगप्रधान श्री जिनेश्वरसूरि पूजन” का भव्य आयोजन।
तीसरा दिवस — 4 नवम्बर, मंगलवार (कार्तिक सुदी चौदस):
➡️ प्रातः 9:15 बजे कृतज्ञता ज्ञापन समारोह — “याद रखेगा सूरत…”।
➡️ सायं 5 बजे चातुर्मासिक प्रतिक्रमण।
चौथा दिवस — 5 नवम्बर, बुधवार (कार्तिक सुदी पूर्णिमा):
➡️ प्रातः 6:15 बजे कार्तिक पूर्णिमा आराधना।
➡️ सुबह 8:30 बजे *मुमुक्षुओं की रथयात्रा मॉडल टाउन से आरंभ होगी*।
➡️ *सुबह 9:15 बजे सर्वविरति मुहूर्त प्रदानोत्सव* 
➡️ सायं 4 बजे *गुरु भगवंतों का सूरत नगर से मंगल विहार*।
बाड़मेर जैन श्री संघ, सूरत के वरिष्ठ सदस्य श्री चंपालाल बोथरा ने इस अवसर पर कहा 
“युगनायक -धर्मशिरोमणि संयम सारथी शासन प्रभावक आचार्य भगवंत श्री जिनपीयूषसागर सूरीश्वरजी म.सा. का यह चातुर्मास सूरत की धरती पर ऐतिहासिक आध्यात्मिक ऊँचाइयों को छू गया है। यह चार दिवसीय धार्मिक पर्व चातुर्मास के पावन समापन का प्रतीक होगा, जिसके माध्यम से समस्त समाजजन अपनी श्रद्धा और आस्था का भाव प्रकट करेंगे। मुमुक्षुओं का सर्वविरति मुहूर्त सूरत के धार्मिक इतिहास में एक अमिट अध्याय जोड़ेगा।”
बोथरा ने बताया की —
“ सकल संघ के सभी श्रावक–श्राविकाओं से आग्रह करते हैं कि अधिक से अधिक संख्या में पधारकर जिन शासन की शोभा बढ़ाएँ एवं दादा गुरु की वाणी को अपने जीवन में आत्मसात करें।”

संकलन :-चम्पालाल बोथरा, सूरत