शिवराज सरकार का फैसला बदलेगी मोहन सरकार, यूनिफॉर्म वितरण की नई व्यवस्था होगी लागू,अब स्कूल यूनिफॉर्म के लिए नहीं करना होगा इंतजार
मोहन सरकार ने बदला शिवराज का 7 साल पुराना फैसला, यूनिफॉर्म वितरण की नई व्यवस्था लागू
भोपाल: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, अब सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं को यूनिफॉर्म के लिए पूरे साल तक इंतजार नहीं करना होगा, बल्कि शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही उनको यूनिफॉर्म भी उपलब्ध करा दी जाएगी. हालांकि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन आगामी सत्र से सरकारी स्कूलों के बच्चों की यह समस्या खत्म होने जा रही है.
शैक्षणिक सत्र शुरु होने से पहले मिलेगी यूनिफॉर्म
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब तक सरकारी स्कूल के बच्चों को सीधे यूनिफॉर्म दी जाती थी, लेकिन लाखों बच्चों की ड्रेस सिलने में लंबा समय लगता था. कई बार सत्र समाप्त होने के बाद भी बच्चों को ड्रेस नहीं मिल पाती थी. अब इसीलिए इस व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है. जिससे बच्चों को शैक्षणिक सत्र शुरू होने के पहले ही यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई जा सके.
साल बाद सरकार ने बदला फैसला
7 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यूनिफॉर्म वितरण का काम महिला स्व सहायता समूहों द्वारा मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से कराए जाने का निर्णय लिया था. जिससे स्व सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. तब से स्व सहायता समूह की महिलाएं हीं यूनिफॉर्म तैयार कर रही हैं, लेकिन इसमें काफी लंबा समय लगता है. इसीलिए अब मोहन सरकार ने इस फैसले को बदलने का निर्णय लिया है. अब स्टूडेंट को यूनिफॉर्म खरीदने के लिए राशि सीधे अभिभावकों के खातों में हस्तांतरित की जाएगी.
यूनीफार्म में मिल रही थी शिकायतें
राज्य शिक्षा केंद्र आजीविका मिशन के माध्यम से यूनिफॉर्म का कपड़ा खरीदने के लिए महिला स्व सहायता समूहों को राशि आवंटित करता था. स्व सहायता समूह यूनिफॉर्म सिलकर स्कूलों में भेजते थे, लेकिन स्व सहायता समूहों की ओर से बीते वर्षों में एक भी साल समय पर बच्चों को यूनिफॉर्म का वितरण नहीं किया जा सका, जिससे बच्चों को कैजुअल कपड़ों में स्कूल जाना पड़ता है. साथ ही कई जिलों में बच्चों को घटिया क्वालिटी की यूनिफॉर्म वितरित सामने आई. सरकार ने व्यवस्था को सुधारने के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाई.
यूनीफार्म वितरण में 350 करोड़ रुपये खर्च
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले प्राइमरी और मिडिल कक्षाओं के विद्यार्थियों को हर साल दो जोड़ी यूनिफॉर्म वितरित की जाती है. इसके लिए प्रति विद्यार्थी 600 रुपए निर्धारित है. प्रदेश में हर साल करीब 55 लाख बच्चों को यूनिफॉर्म का वितरण किया जाता है. इस तरह यूनिफॉर्म वितरण पर हर साल करीब 350 करोड़ रुपए खर्च होते हैं. अब यही राशि स्कूल शिक्षा विभाग अभिभावकों के खातों में हस्तांतरित करेगा.
शासन को भेजा गया प्रस्ताव
राज्य शिक्षा केंद्र के पीआरओ अमिताभ अनुरागी ने बताया कि "सरकारी स्कूल के बच्चों को यूनिफॉर्म के पैसे अभिभावकों के खातों में भेजने के लिए विभाग द्वारा प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था. इसकी स्वीकृत सीएम सचिवालय से मिल गई है. जल्द ही मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अभिभावकों के खातों में 600-600 रुपये की राशि यूनीफार्म खरीदने के लिए भेजी जाएगी.
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस