वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी मंजूरी, बन गया कानून
वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है और यह बिल अब कानून बन गया है। अब आगे यह बिल कब से लागू होगा, यह सरकार तय करेगी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे लेकर लेटर जारी किया है।

विपक्ष के विरोध के बीच वक्फ संशोधन बिल चर्चा के बाद पहले लोकसभा से फिर राज्यसभा से पारित हो गया और शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) बिल को शनिवार देर शाम मंजूरी भी दे दी। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वक्फ संशोधन बिल अब कानून बन गया है। सरकार ने नए वक्फ कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब इसके आगे की राह कैसी होगी ये कई मायनों में अहम है। अब वक्फ कानून कबतक लागू होगा ये सरकार पर निर्भर करता है क्योंकि कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग से एक नोटिफिकेशन जारी करेगी और यह कानून पूरे देश में लागू हो जाएगा।
संसद को दोनों सदनों में कितने वोट पड़े?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस कानून पर अपनी चिंता जताने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से तत्काल मुलाकात का समय भी मांगा था. लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे. वहीं, राज्यसभा में बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े थे. राज्यसभा में विपक्ष की ओर से लाए गए तमाम संशोधन प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गए थे.
AIMPLB ने दी आंदोलन की चेतावनी
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने शनिवार (5 अप्रैल 2025) को इस बिल के विरोध में देशव्यापी आंदोलन करने की चेतावनी दी है. एआईएमपीएलबी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, विजयवाड़ा, मलप्पुरम, पटना, रांची, मलेरकोटला और लखनऊ में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेगी. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'सत्ता पक्ष ने बहुमत का दुरुपयोग किया है और विधेयक को जबरन थोपा गया है.
सरकार का कहना है कि इस कानून से मुस्लिम महिलाओं को लाभ होगा और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. वक्फ संशोधन बिल का एक महीन पहले नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) ने विरोध किया था. हालांकि बाद में विधेयक पर विचार-विमर्श के बाद बीजेडी ने अपने सांसदों को स्वतंत्र होकर वोटिंग करने को लिए कहा.