मंत्री विजय शाह की गिरफ्तारी पर 'सुप्रीम' रोक बढ़ी, अब हाईकोर्ट की जगह शीर्ष अदालत में ही सुना जाएगा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने SIT को जांच पूरी करने के लिए समय दिया है। कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी रखा है, जिसमें विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक है। इस मामले में अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने SIT को जांच पूरी करने का निर्देश दिया है।

मंत्री विजय शाह की गिरफ्तारी पर 'सुप्रीम' रोक बढ़ी, अब हाईकोर्ट की जगह शीर्ष अदालत में ही सुना जाएगा मामला

मंत्री विजय शाह के मामले में SC में सुनवाई

स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने सौंपी स्टेटस रिपोर्ट

कर्नल सोफिया को लेकर दिया था विवादित बयान

Vijay Shah Controversy:  सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी से विवादों में घिरे मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह के मामले की सुनवाई हुई। जस्टिस जेजे सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने मामला सुना।

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- SIT ने 21 मई को जांच की, वो बयान देने वाली जगह गई थी। मोबाइल समेत कुछ सबूत भी इकट्ठा किए गए। गवाहों के बयान लिए गए। जांच अभी शुरुआती चरण में है। हाईकोर्ट से हमारी रिक्वेस्ट है कि वो हमारे साथ-साथ सुनवाई न करे।

SIT ने तय तारीख को जांच रिपोर्ट पेश कर दी। SIT ने कुछ और समय मांगा है। इस मामले की सुनवाई अब जुलाई के पहले हफ्ते में होगी।

सुप्रीम कोर्ट में SIT की रिपोर्ट पर चर्चा

दरअसल, मंत्री विजय शाह की विवादित टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए विशेष जांच दल का गठन कर स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। अब बुधवार को स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में चर्चा हुई। बता दें कि मंत्री विजय शाह इस मामले में कई बार माफी मांग चुके हैं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली है।

SIT ने मंत्री शाह के खिलाफ जुटाए डिजिटल सबूत

तीन आईपीएस अधिकारियों के विशेष जांच दल ने मंगलवार को अपनी पहली स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। तीनों अधिकारियों ने 21 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर मामले में जांच शुरू की थी। एसआईटी ने इस मंत्री शाह के विवादित बयान से जुड़े सबूत और दस्तावेज मानपुर थाने से लेकर अपनी पूरी रिपोर्ट तैयार की है।

मंत्री विजय शाह के बयान नहीं

स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ डिजिटल सबूत जुटाए हैं, जिसमें उनके द्वारा जारी किए गए वीडियो बयान शामिल हैं। इन वीडियो को हैश वैल्यू के माध्यम से सत्यापित किया गया है, जिससे यह साबित होता है कि वीडियो में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। एसआईटी ने इस वीडियो को ही शाह के खिलाफ बड़ा सबूत माना है। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में उन लोगों के भी बयान दर्ज किए है जो 11 मई को रायकुंडा गांव में हुए कार्यक्रम के मंच पर मौजूद थे। हालांकि, टीम ने मंत्री विजय शाह के बयान नहीं लिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SIT का गठन

मंत्री विजय ने जबलपुर हाईकोर्ट के 14 मई के FIR दर्ज करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में 19 मई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री शाह की माफी को नामंजूर कर दिया था, साथ ही उन्हें जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि आप लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं, आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही मामले में जांच के लिए शीर्ष अदालत ने एसआईटी गठित का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने मंत्री शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।