जिलाध्यक्षों के बगावती सुर पर भड़के जीतू पटवारी, कांग्रेस ने थमाया 24 घंटे का अल्टीमेटम"कांग्रेस में अनुशासन सर्वोपरि, आदेश न मानने वालों पर गिरेगी गाज

मध्यप्रदेश कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों के विरोध पर सख्त नजर आ रही है। पार्टी की तरफ से अपने कार्यकर्ताओं को कड़ा चेतावनी पत्र जारी किया गया है। जारी पत्र में जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों के विरोध में सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

जिलाध्यक्षों के बगावती सुर पर भड़के जीतू पटवारी, कांग्रेस ने थमाया 24 घंटे का अल्टीमेटम"कांग्रेस में अनुशासन सर्वोपरि, आदेश न मानने वालों पर गिरेगी गाज

प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने दिया सख्त संदेश—कांग्रेस में अनुशासन सर्वोपरि, आदेश न मानने वालों पर गिरेगी गाज

कई जिलाध्यक्षों ने उठाए नए संगठनात्मक फैसलों पर सवाल

पटवारी ने बगावती सुरों पर दिखाई कड़ी नाराज़गी

24 घंटे में जवाब नहीं देने पर होगी सख्त कार्रवाई

कांग्रेस में बढ़ती गुटबाज़ी पर हाईकमान की नज़र

MP Congress Jila Adhyaksh: मध्य प्रदेश कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर शुरू हुए विरोध पर कांग्रेस अब सख्त दिख रही है. एमपी कांग्रेस की तरफ से एक चेतावनी पत्र जारी किया गया है, जिसमें कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों के विरोध में सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट हटाने का निर्देश दिया गया है. कांग्रेस के पत्र में कार्यकर्ताओं को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि सोशल मीडिया पर जिला अध्यक्ष के विरोध में जो भी पोस्ट डाली गई है, उसे हटा लिया जाए नहीं तो 24 घंटे बाद संगठन की तरफ से मामले में कार्रवाई की जाएगी. वहीं पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भी बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि जो जिलाध्यक्ष अच्छा काम नहीं करेगा और उसे 6 महीने बाद हटा दिया जाएगा. 

जीतू पटवारी ने दिया 24 घंटे का समय

बताया जा रहा है कि पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक असहमति का स्वागत है, लेकिन सोशल मीडिया पर संगठन के निर्णयों का सार्वजनिक विरोध अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए कहा है कि 'पार्टी का निर्णय अंतिम होता है, और किसी भी प्रकार की सार्वजनिक छींटाकशी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कांग्रेस की ओर से स्पष्ट चेतावनी जारी की गई है कि जो भी पोस्ट जिला अध्यक्षों के विरोध में की गई हैं, उन्हें 24 घंटे के भीतर हटा लिया जाए, अन्यथा संबंधित कार्यकर्ताओं के खिलाफ संगठनात्मक कार्रवाई की जाएगी. 

जीतू पटवारी ने जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद बड़ा बयान भी दिया है. उन्होंने कहा कि पहली ही मीटिंग राहुल गांधी के साथ होगी, जबकि इन नियुक्तियों में उनका कोई हाथ नहीं है. संगठन सृजन अभियान के तहत ही सभी को जिम्मेदारी दी गई है. सभी जिलाध्यक्षों के काम को 6 महीने तक बारीकी से देखा जाएगा. अगर कोई जिलाध्यक्ष कसौटी पर खरा नहीं उतरता है तो फिर उसे हटाकर दूसरे को जिम्मेदारी दी जाएगी. इसके अलावा जिन जिलों में अनुशासनहीनता या पिछले चुनाव में भीतरघात की शिकायतें हैं, वहां पर सख्ती से जांच की जा रही है. वहीं सीनियर नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाए जाने पर जीतू पटवारी ने कहा कि यह फैसला पार्टी हाईकमान की तरफ से लियागया है. डिंडोरी में ओंकार सिंह मरकाम और गुना में जयवर्धन सिंह जैसे बडे़ चेहरों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत ही जिला अध्यक्ष बनाया है. 

एमपी कांग्रेस में संगठनात्मक अनुशासन को लेकर सख्ती के इस कदम को आगामी चुनावों की रणनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है. देखना यह होगा कि पार्टी के इस फैसले से असंतुष्ट गुटों को साधा जा सकेगा या अंदरूनी कलह और बढ़ेगी. जीतू पटवारी ने इस मामले में बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया कि यह मुद्दा भटकाने की कोशिश है. वोट चोरी का काम हो रहा है, क्योंकि चुनाव आयोग भाजपा एजेंट की तरह काम कर रहा है. लेकिन कांग्रेस 25 अगस्त से 5 सितंबर के बीच पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेगी.