स्वामी रामभद्राचार्य को मिली मानद डीलिट् की उपाधि,22 भाषाओं के ज्ञाता, 80 ग्रथों के रचियता रामभद्राचार्य

डॉ. हरि सिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने पहली बार जगतगुरु स् रामभद्राचार्य को डी लिट की उपाधि से सम्मानित किया है. स्वामी जी 22 भाषाओं के ज्ञाता और 80 से अधिक ग्रंथों के रचनाकार हैं.

स्वामी रामभद्राचार्य को मिली मानद डीलिट् की उपाधि,22 भाषाओं के ज्ञाता, 80 ग्रथों के रचियता  रामभद्राचार्य

डॉ. हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह में 957 विद्यार्थियों को उपाधियां दी गईं। स्वामी रामभद्राचार्य को मानद डी.लिट् सम्मान मिला। उन्होंने भ्रष्टाचार व अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई। नितिन गडकरी ने युवाओं से देश को 'विश्व गुरु' बनाने का आह्वान किया। 

सागर: डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह में  स्वामी रामभद्राचार्य को मानद डिलीट (Doctor of Literature) उपाधि से सम्मानित किया गया. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में जहां भ्रष्टाचार को लेकर एक अलग अंदाज में बात कही, तो वहीं समारोह में अंग्रेजी में संचालन और कुलपति के अंग्रेजी संबोधन पर सवाल खड़े किए. भ्रष्टाचार पर चर्चा करते हुए उन्होंने राजनेताओं के सामने कहा कि विधायक और सांसद बनने के पहले जिनके पास कुछ नहीं होता, विधायक सांसद बनते ही उनके पास 50-50 फ्लैट हो जाते हैं.

इसके अलावा उन्होंने दीक्षांत समारोह के अंग्रेजी में संचालन और कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता की अंग्रेजी में संबोधन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि जैसे मैं कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में पहुंचा हूं. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा मुझे भी आती है, लेकिन मैं भारत में उसका उपयोग नहीं करता हूं. इसके अलावा स्वामी रामभद्राचार्य ने ऑपरेशन सिंदूर पीओके और लव जिहाद पर भी अपनी बात रखी.

देश का आधा पैसा भ्रष्टाचार में चला जाता है

स्वामी रामभद्राचार्य ने अपने संबोधन में भ्रष्टाचार पर चर्चा करते हुए कहा कि "आज सबको दो नंबर का धन चाहिए. आज देश का आधा पैसा भ्रष्टाचार में चला जाता है. बुरा मत मानिये, मुझे कहना है कि विधायक, सांसद बनने के पहले जिनके पास कुछ नहीं होता, विधायक या सांसद बनने पर 50 फ्लैट बन जाते हैं. ऐसा क्यों हो रहा है ? हम क्यों कर रहे हैं ? आज हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार है. स्वामी रामभद्राचार्य ने भ्रष्टाचार, लोगों के कर्तव्य पर बोलते हुए कहा कि हमारे यहां एक न्यायाधीश के घर में पिछले दिनों इतना पैसा निकला कि दो फीट का नोटों का अम्बार लगा था.

उन्होंने कहा कि जो गलत धन लेते हैं, उनका परिवार सुखी नहीं रहता और न वे सुखी रहते हैं. स्वामी रामभद्राचार्य जब बोल रहे थे. तब उसी मंच और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सहित सांसद, विधायक और पूर्व सांसद से लेकर कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे. उन्होंने विद्यार्थियों को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि देश का आधा पैसा भ्रष्टाचार में चला जाता है. अब आप सब निश्चित कर लो कि एक भी पैसे की बेइमानी नहीं करोगे. संकल्प लो कि भ्रष्टाचार नहीं करेंगे. एक भी पैसे की घूस नहीं लेंगे."

यहां अंग्रेजी का बोलबाला देख मन हुआ दुखी

स्वामी रामभद्राचार्य ने दीक्षांत समारोह के अंग्रेजी में संचालन और कुलपति डॉ नीलिमा गुप्ता के अंग्रेजी में संबोधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "मुझे यहां ऐसा लग रहा है कि मैं भारत में नहीं ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में हूं. यहां अंग्रेजी का बोलबाला देख मेरा मन दुखी हुआ. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई हिंदी में करा रही है और आप विश्वविद्यालय के कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी में कर रहे हैं. यह कब तक चलता रहेगा? उन्होंने मंच पर मौजूद अतिथियों से कहा कि मुझे अंग्रेजी आती है. हिंदी, संस्कृत सहित कई भाषाएं जानता हूं, लेकिन मैंने संकल्प लिया है कि भारत में रहकर अंग्रेजी नहीं बोलूंगा."

ऑपरेशन सिंदूर, पीओके और लव-जिहाद पर रखी बात

स्वामी रामभद्राचार्य ने भारत के शक्ति संपन्न होने की बात करते हुए कहा कि अब तक दुनिया जानती थी कि भारत के पास शक्ति नहीं है, लेकिन इस बार 7 मई की प्रथम रात्रि बेला में 1 बजकर 5 मिनट​ से 1 बजकर 25 तक ऑपरेशन सिंदूर चला. पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और एयरबेस नष्ट किए. अब दुनिया ने जान लिया कि जो भारत को आंख दिखाएगा. हम उसकी आंख निकालकर भारत माता के चरणों में रख देंगे.