लोक भारती हरियाली अभियान के तहत हरियाली ही जीवन है: जनपद में 21 अगस्त को हरिशंकरी वृक्षारोपण महाअभियान

उरई जिले में 21 अगस्त 2025 को 'हरिशंकरी वृक्षारोपण महाअभियान' का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, हरियाली बढ़ाना और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करना है। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में अभियान की रूपरेखा तय की गई।

लोक भारती हरियाली अभियान के तहत हरियाली ही जीवन है: जनपद में 21 अगस्त को हरिशंकरी वृक्षारोपण महाअभियान

21 अगस्त को जनपद में हरिशंकरी वृक्षारोपण महाअभियान का आयोजन

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में वृक्षारोपण समिति की समीक्षा बैठक

समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश

 हर ग्राम पंचायत, वार्ड और गौशालाओं में हरिशंकरी पौधों का रोपण

1000 विद्यालयों में भी होगा पौधारोपण कार्यक्रम

उरई जिले  में पर्यावरण संरक्षण, हरित आवरण में वृद्धि और सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित करने की दिशा में प्रशासन ने एक व्यापक वृक्षारोपण अभियान की घोषणा की है। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित रानी लक्ष्मीबाई सभागार में जिला वृक्षारोपण समिति, गंगा समग्र, जिला गंगा समिति एवं जिला पर्यावरण समिति की संयुक्त बैठक संपन्न हुई, जिसमें संबंधित अधिकारियों को अभियान की रूपरेखा के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए।ब्लॉक एवं नगर पालिका/ नगर पंचायत में कार्यक्रम की तैयारी ११,१२,एवं १३ अगस्त को कर ली जाएगी । तैयारी में समाज के हर वर्ग के लोगों का पूर्ण सहयोग लिया जाएगा । वृक्षारोपण एवं संरक्षण हेतु समाजसेवी की टीम गठित कर की जाए । बृक्ष मित्र और पर्यावरण मित्र की अवधारना पर कार्य किया जाए । 
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि आगामी 21 अगस्त 2025 को जनपद भर में एक  हरिशंकरी वृक्षारोपण हेतु बृहद अभियान चलाया जाएगा, जिसके अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों, नगरी निकायों के प्रत्येक वार्ड तथा समस्त गौशालाओं में हरिशंकरी पौधे, बरगद, पीपल और पाकड़ का रोपण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अभियान को शिक्षा के क्षेत्र से भी जोड़ा गया है, और इसी क्रम में जनपद के 1000 विद्यालयों में भी हरिशंकरी पौधों का रोपण कराया जाएगा। जिलाधिकारी ने इसे केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि भविष्य के लिए लिया गया सतत एवं नैतिक संकल्प बताया, जिसके केंद्र में प्रकृति, परंपरा और पीढ़ियों की सुरक्षा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वृक्षारोपण के उपरांत प्रत्येक पौधे की नियमित सिंचाई, देखभाल और संरक्षण की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्च‍ित की जाए।वृक्षारोपण स्थलों की पहचान, विभागीय समन्वय, जनसहभागिता और दीर्घकालिक परिणाम सुनिश्चित करने की रणनीति पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि हरियाली केवल पर्यावरणीय जरूरत नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक उत्तरदायित्व भी है, जिसे केवल प्रशासनिक इच्छाशक्ति से नहीं बल्कि जनभागीदारी से ही पूरा किया जा सकता है।
इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख रामराजा निरंजन, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे प्रेमचंद मौर्य, प्रभागीय वनाधिकारी प्रदीप यादव, डीसी मनरेगा रामेन्द्र सिंह, समस्त उप जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारीगण एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। साथ ही प्रदेश और जनपद के समस्त विभिन्न  सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, पूर्व विधायक नरेंद्रपाल  सिंह जादौन, बृजेश पाल सिंह, गोपाल, कमलेश गुप्ता, बाबा बालक राम एवं परमार्थ संस्था से संजय सिंह समेत कई गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने अभियान को और अधिक सशक्त आधार प्रदान किया।