1 जनवरी से लागू होगा 8वां वेतन आयोग,केंद्र ने शर्तों को मंजूरी दी: 50 लाख कर्मचारियों को छठ पर केंद्र सरकार का तोहफा
केंद्र सरकार ने मंगलवार को 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी दे दी है। ये दस्तावेज बताता है कि कमीशन का काम क्या है, काम कैसे होगा, कितने समय में होगा, कौन-कौन शामिल होंगे, और क्या-क्या नियम फॉलो करने हैं।
कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग के गठन और विचारणीय विषयों को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जानिए 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों के लिए 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाली इस महत्वपूर्ण आयोग की पूरी जानकारी।
नई दिल्ली:केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खबर है। केंद्रीय कैबिनेट ने आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन और इसके विचारणीय विषयों (Terms of Reference) को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी है। इस महत्वपूर्ण आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई करेंगी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए बताया कि आयोग का लक्ष्य अगले 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को सौंपना होगा। इन सिफारिशों को 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने की प्रबल संभावना है।
50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को लाभ
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगी। इसमें विशेष रूप से रक्षा सेवा कर्मियों को भी शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, देश भर के करीब 69 लाख पेंशनभोगी भी इस आयोग की सिफारिशों के दायरे में आएंगे और उन्हें संशोधित वेतन तथा पेंशन का लाभ मिलेगा।
वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य
वेतन आयोग का गठन मुख्य रूप से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, और अन्य सुविधाओं की मौजूदा संरचना की व्यापक समीक्षा करने के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि कर्मचारियों का पारिश्रमिक वर्तमान आर्थिक परिदृश्य, महंगाई दर, और जीवन-यापन की लागत के अनुरूप हो।
न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में यह आयोग निम्नलिखित प्रमुख विषयों पर विचार करेगा:
वेतन संरचना की समीक्षा: मौजूदा वेतन मैट्रिक्स, वेतन स्तरों और कर्मचारियों के वर्गीकरण की गहन समीक्षा करना।
भत्तों और सुविधाओं का पुनर्गठन: महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और अन्य भत्तों की दरों और नियमों का मूल्यांकन और उन्हें तर्कसंगत बनाना।
पेंशन प्रणाली में सुधार: पेंशनभोगियों के लिए पेंशन की गणना, ग्रेच्युटी और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों की समीक्षा करना।
प्रदर्शन आधारित वेतन वृद्धि: कर्मचारियों की उत्पादकता और प्रदर्शन को वेतन वृद्धि से जोड़ने के नए मॉडल पर विचार करना।
वित्तीय प्रभाव का आकलन: केंद्र सरकार के राजकोष पर आयोग की सिफारिशों के पड़ने वाले वित्तीय भार का विस्तृत आकलन प्रस्तुत करना।
यह घोषणा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उत्साहजनक है, जो लंबे समय से वेतन वृद्धि और पेंशन सुधारों का इंतजार कर रहे थे। न्यायमूर्ति देसाई की नियुक्ति के साथ, आयोग ने औपचारिक रूप से अपना कार्य शुरू कर दिया है, जिससे यह उम्मीद लगाई जा रही है कि 1 जनवरी 2026 की समय सीमा के अनुसार ही नए वेतनमान लागू हो जाएंगे।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस