वर्दी में ब्राह्मणों को गाली देने वाली कांस्टेबल अंजू जायसवाल पर बड़ी कार्रवाई ,एसपी ने किया सस्पेंड

एक कार्यक्रम में ड्यूटी के दौरान कॉन्स्टेबल अंजू जायसवाल ने ब्राह्मणों को गाली दी थी। वीडियो वायरल होने के बाद सीधी एसपी ने कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस विभाग ने माना है कि यह अनुशासनहीनता है।

वर्दी में ब्राह्मणों को गाली देने वाली कांस्टेबल अंजू जायसवाल पर बड़ी कार्रवाई ,एसपी ने किया सस्पेंड

सीधी डीसीआरबी शाखा की महिला आरक्षक अंजू जायसवाल को वर्दी में अपशब्द कहने का वीडियो वायरल होने के बाद निलंबित किया गया।

घटना 24 अक्टूबर की रात हुई, निजी कार्यक्रम में शहनाज अख्तर की सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थीं।

अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने सख्त कार्रवाई की मांग की।

एसपी संतोष कोरी ने शनिवार देर रात निलंबन आदेश जारी किया और आरक्षक को रक्षित केंद्र में रखा गया।

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सीधी में ड्यूटी के दौरान एक महिला कांस्टेबल अंजू देवी जायसवाल ने ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके बाद उस महिला कांस्टेबल को पुलिस अधीक्षक संतोष कोरी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। ये कार्रवाई एक वायरल वीडियो के आधार पर की गई, जिसमें कांस्टेबल अंजू पुलिस वर्दी में ड्यूटी के दौरान ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करती हुई दिखाई दे रही हैं।

ये घटना 24 अक्टूबर, 2025 की है, जब शहर के एक स्कूल में गायिका शहनाज अख्तर का कार्यक्रम था। यहां महिला कांस्टेबल अंजू की ड्यूटी लगाई गई थी। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ब्राह्मणों को लेकर अभद्र और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। वीडियो सामने आने के बाद ये मामला तेजी से बढ़ने लगा और पुलिस पर भी सवाल उठाए गए।

संगठनों ने की कार्रवाई की मांग

ब्राह्मण समाज के संगठनों ने महिला कांस्टेबल के आचरण को लेकर सवाल उठाए। इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक से कार्रवाई की मांग की। वीडियो वायरल होने के बाद मामले की जानकारी लेते हुए पुलिस अधीक्षक संतोष कोरी ने जांच कराई। जांच के आधार पर स्पष्ट हुआ कि ड्यूटी के दौरान महिला कांस्टेबल ने पुलिस वर्दी में अमर्यादित व्यवहार कर विभाग की छवि को धूमिल किया।

अंजू देवी के खिलाफ हुई कार्रवाई

महिला कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई की गई। आदेश के अनुसार, महिला कांस्टेबल अंजू देवी जायसवाल को 25 अक्टूबर को निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय रक्षित केंद्र, जिला सीधी निर्धारित किया गया है। इस दौरान उन्हें नियम अनुसार जीवन-निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा, लेकिन वे पुलिस अधीक्षक की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगी और उन्हें अपनी उपस्थिति नियमित रूप से दर्ज करानी होगी।