आयुर्वेदिक पद्धति हमारे देश की प्राचीन धरोहर, रोगमुक्त जीवन की आधारशिला – जिलाधिकारी

दशम आयुर्वेदिक दिवस के अवसर पर राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में विशाल निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने फीता काटकर इसका उद्घाटन किया और मरीजों तथा तीमारदारों से संवाद कर शिविर की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने आयुर्वेद को प्राचीन चिकित्सा प्रणाली बताते हुए इसके महत्व, रोग निवारण और जीवनशैली सुधार में योगदान पर जोर दिया। चिकित्सकों से अधिक से अधिक लोगों तक आयुर्वेद के लाभ पहुंचाने का आग्रह किया। मुख्य विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी और अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

आयुर्वेदिक पद्धति हमारे देश की प्राचीन धरोहर, रोगमुक्त जीवन की आधारशिला – जिलाधिकारी

दशम आयुर्वेदिक दिवस पर विशाल निःशुल्क चिकित्सा शिविर

जिलाधिकारी ने किया शिविर का उद्घाटन और व्यवस्थाओं का जायजा

आयुर्वेद: प्राचीन धरोहर और रोगमुक्त जीवन की आधारशिला

चिकित्सकों से अधिक से अधिक लोगों तक आयुर्वेद का लाभ पहुंचाने का आह्वान

उरई । दशम आयुर्वेदिक दिवस के अवसर पर आज जनपद के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में विशाल निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारम्भ जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित मरीजों एवं उनके तीमारदारों से संवाद कर उनका हाल-चाल जाना तथा शिविर की व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि आयुर्वेदिक पद्धति हमारी प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में भी आयुर्वेद की प्रासंगिकता और महत्व और अधिक बढ़ गया है, क्योंकि यह न केवल रोग का उपचार करता है, बल्कि रोगों की रोकथाम और जीवनशैली में सुधार पर भी बल देता है। उन्होंने चिकित्सकों से आह्वान किया कि अधिक से अधिक लोगों तक आयुर्वेदिक चिकित्सा की जानकारी और लाभ पहुंचाएं। साथ ही उन्होंने मरीजों से कहा कि आयुर्वेद केवल औषधि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह योग, प्राणायाम, संतुलित आहार और दिनचर्या से जुड़ा हुआ एक जीवन दर्शन है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी केके सिंह, उप जिलाधिकारी विनय मौर्य, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ अरुण कुमार गुप्त, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सक पूजा सिंह राजपूत आदि मौजूद रहे।