मानवता शर्मसार: उरई अस्पताल के डस्टबिन में मिला नवजात का शव ,सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

उरई जिला पुरुष अस्पताल से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। इमरजेंसी वार्ड के शौचालय में रखे डस्टबिन से एक नवजात शिशु का शव बरामद हुआ। इस घटना ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। घटना को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है और अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।

मानवता शर्मसार: उरई अस्पताल के डस्टबिन में मिला नवजात का शव ,सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

जिला अस्पताल उरई से बड़ी लापरवाही: इमरजेंसी वार्ड के डस्टबिन में मिला नवजात का शव

स्वतंत्रता दिवस पर उरई में हृदय विदारक घटना

सी एम एस का पत्रकारों का फोन ना उठाना बना चर्चा का विषय,फोन ना उठाने पर कई सवाल हुए खड़े

उरई।उरई जिला पुरुष अस्पताल में बनी इमरजेंसी से एक चौंकाने वाली और हृदय विदारक खबर सामने आई है। इमरजेंसी वार्ड के शौचालय में रखे गए डस्टबिन से एक नवजात शिशु का शव बरामद हुआ है। यह घटना न केवल अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही को उजागर करती है बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। जहां एक ओर पूरा देश स्वतंत्रता दिवस की देशभक्ति की भावना में सराबोर था वहीं दूसरी ओर जिले के सबसे बड़े पुरुष अस्पताल में हुई यह घटना मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख देती है। सवाल यह उठता है कि आखिर एक मासूम नवजात का शव इमरजेंसी वार्ड के डस्टबिन तक कैसे पहुंचा? जब उसे वहां फेंका गया तो अस्पताल परिसर में मौजूद सुरक्षा गार्ड कहां थे आखिर गार्ड की ड्यूटी किसलिए लगाई जाती है जब ऐसे संवेदनशील मामलों पर भी उनकी नजर नहीं जाती। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही इस घटना से साफ झलकती है। जिला अस्पताल में जहां प्रतिदिन हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं वहां पर सुरक्षा और निगरानी का हाल यह है कि किसी को खबर तक नहीं हुई और एक नवजात का शव डस्टबिन में डाल दिया गया। यह न केवल अस्पताल की व्यवस्था की पोल खोलता है बल्कि वहां तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी पर भी बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर नवजात के शव को कब्जे में ले लिया है और जांच शुरू कर दी है। अब देखना यह होगा कि अस्पताल के उच्च अधिकारी इस पूरे मामले की गहन जांच कर मृतक नवजात के मां-बाप तक पहुंच पाते हैं या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह सिर्फ “जांच जारी है” की औपचारिकता तक सीमित रह जाएगा। लोगों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही सवालों के घेरे में रही है। कई बार गार्डों की लापरवाही कर्मचारियों की उदासीनता और अधिकारियों की अनदेखी के कारण मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन नवजात शिशु के शव का डस्टबिन में मिलना यह दर्शाता है कि अस्पताल प्रबंधन ने अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से ताक पर रख दिया है। यह घटना न केवल मानवीय संवेदनाओं का हनन है बल्कि यह भी दिखाती है कि जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान में कितनी लापरवाही और गैरजिम्मेदारी बरती जा रही है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस गंभीर घटना का संज्ञान लेकर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी अमानवीय घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। इस घटना ने पूरे जिले को स्तब्ध कर दिया है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या प्रशासन वास्तव में इस मामले को गंभीरता से लेकर दोषियों तक पहुंचेगा या फिर यह भी महज एक जांच का खेल बनकर रह जाएगा।