शिवराज सिंह के घर कंधे पर बोरी लादकर पहुंचे जीतू पटवारी, पुलिस ने रोका तो पीसीसी से पैदल गए पटवारी,मचा सियासी हंगामा!
MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के आने पर शिवराज सिंह चौहान खुद बाहर आए और प्रतिनिधिमंडल को अंदर ले गए. किसानों ने मंत्री से अपनी मांगें रखीं, जिसमें धान खरीदी में सीधे समर्थन मूल्य और अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई.
एमपी में किसानों के मुद्दों पर कांग्रेस मुखर हो उठी है।कांग्रेस भावांतर योजना का विरोध कर रही है और किसानों को सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग कर रही है
भोपाल:मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी अनाज की बोरी कंधे पर लादकर अचानक केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सरकारी बंगले पर जा पहुंचे. प्रदेश अध्यक्ष के पहुंचने की खबर लगते ही केन्द्रीय मंत्री शिवराज ने उन्हें अंदर बुलाया. शिवराज ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर जहां बैठकर चर्चा करना चाहते हैं, मैं तैयार हूं. मैं तो सड़क पर बैठने के लिए भी तैयार हूं. हालांकि इसके पहले पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें रोकने पर उन्होंने बाहर ही गेहूं की बोरी नीचे पटक कर उसे फैला दिया.
पैदल मार्च करते हुए पहुंचे जीतू
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी कांग्रेस प्रदेश कार्यालय से कंधे पर बोरी रखकर पैदल मार्च करते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री के बंगले पर पहुंचे. हालांकि बाद में शिवराज ने जीतू पटवारी सहित 5 किसानों को अंदर बुलाकर चर्चा की. हालांकि इसके पहले जीतू पटवारी को बंगले के बाहर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान जीतू पटवारी की पुलिसकर्मियों ने हल्की झड़प भी हुई. इस दौरान एक अनाज की बोरी को उन्होंने नीचे गिरा दिया दिया और बंगले के बाहर सड़क पर ही बैठ गए.
जीतू पटवारी बोले किसानों को भावांतर नहीं भाव चाहिए
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करने के बाद जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि "मोदी गारंटी थी कि 3100 रुपए धान, 2700 गेहूं, 6000 रुपए सोयाबीन के दाम देंगे. सोयाबीन के 6 हजार रुपए के वादे के स्थान पर अब भावांतर दिया जा रहा है. किसानों को भावांतर नहीं, भाव चाहिए. शिवराज सिंह जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब भावांतर योजना लागू की थी, उस समय एक पैसा भावांतर का पैसा नहीं मिला.
आज मध्य प्रदेश में खंडवा, महिदपुर, तराना उज्जैन के 8 किसानों ने आत्महत्या की है. मैं पीएम मोदी, शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव से आग्रह करना चाहता हूं कि हमें भाव चाहिए, भावांतर नहीं.
10 साल बाद भी नहीं मिल रहा प्याज का दाम
जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार ने 10 साल पहले प्याज का 8 रुपए किलो भाव देने का ऐलान किया था, लेकिन आज 6 रुपए किलो प्याज का दाम मिल रहा है. आखिर इसका दोषी कौन है? किसानों के हालात खराब हैं, हर किसान के खातों में 20 हजार रुपए पर बीघा दिया जाना चाहिए. सरकार आज भावांतर की बात कर रही है, किसानों के खेतों में प्रति बीघा 50 किलो तक सोयाबीन हुआ है. आखिर ऐसे में कितना भावांतर सरकार दे देगी.
उन्होंने कहा कि मैं शिवराज सिंह चौहान के घर आया था. मैंने उनसे कहा कि जो किसानों से वादा किया था, उसे पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि मुझसे जो बन सकता था, वह किया. यदि उन्होंने किया तो फिर किसान आज भी कर्ज में क्यों है और मध्य प्रदेश का किसान आत्महत्या क्यों कर रहा है? मुख्यमंत्री मोहन यादव सिर्फ हवाई जहाज का बिल बढ़ा रहे हैं.
शिवराज सिंह चौहान 20 सालों से जो झूठ बोल रहे थे. वह अब सामने आ रहा है. मेरे पिताजी आज भी खेत पर आलू लगवा रहे हैं, उन्होंने आज ही सुबह मुझसे कहा कि सोयाबीन नहीं हुआ, बहुत संकट है. मजदूरों के पैसे नहीं दे पा रहा हूं. यह एक-एक किसान पिता की आवाज है
बाहर आकर मांगी माफी
उधर शिवराज से मुलाकात के बाद जीतू पटवारी जब जाने लगे तो उन्होंने बाहर सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से मांफी मांगते हुए कहा कि कोई गलती हुई हो तो मुझे माफ करना. उधर बीजेपी ने इस मामले को जीतू पटवारी का स्टंट बताया. सोशल मीडिया पर लिखा कि जीतू पटवारी अपनी राजनीति चमकाने तीन-चार ऑडियो माइक लगाकर पहुंचे थे और उनके साथ उनकी पूरे मीडिया टीम भी मौजूद थी.
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस