ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में विपक्ष को दिया करारा जवाब,साइबर फ्रॉड के कैंसर से बचाना चाहता हूं', बोले सिंधिया, कार्ति चिदंबरम ने संचार साथी ऐप पर सरकार को घेरा

केन्द्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार लोगों की प्राइवेसी के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है, और उपयोगकर्ताओं का इस पर पूरा नियंत्रण है कि वे ऐप को रजिस्टर करें या नहीं। इससे कोई सीक्रेट निगरानी संभव नहीं है

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में विपक्ष को दिया करारा जवाब,साइबर फ्रॉड के कैंसर से बचाना चाहता हूं', बोले सिंधिया, कार्ति चिदंबरम ने संचार साथी ऐप पर सरकार को घेरा

लोकसभा में संचार साथी ऐप को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने को लेकर केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के बीच तीखी बहस हुई. सिंधिया ने स्पष्ट किया कि नियम 7B में यूजर पर कोई पाबंदी नहीं है और ऐप को अनइंस्टॉल किया जा सकता है, यह नियम केवल निर्माता कंपनियों के लिए है और इसका उद्देश्य जनता को साइबर फ्रॉड से बचाना है.

Sanchar Saathi App: देश के हर फोन में संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल करने के सरकारी आदेश के बाद बवाल छिड़ा हुआ है। यूजर डेटा और प्राइवेसी की चिंताओं के बीच टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज (3 दिसंबर 2025) फिर सफाई दी और कहा कि इस सरकारी साइबर सिक्यॉरिटी ऐप के जरिए जासूसी संभव नहीं है।

संसद में प्रश्न काल के दैरान सिंधिया ने कहा, ‘संचार साथी सेफ्टी ऐप के जरिए जासूसी संभव नहीं है और ना ही जासूसी की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि यह ऐप लोगों की सुरक्षा के लिए है।

संचार साथी ऐप को लेकर चल रही बहस पर केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “पब्लिक डोमेन में जो अफवाहें फैली हुई हैं, उन पर भरोसा मत करिए। नियम 7B में कहीं भी यह नहीं लिखा कि आप ऐप को अनइंस्टॉल नहीं कर सकते। समस्या यह है कि जब लोग पूरी डिटेल में नहीं जाते तो असली बात कहीं खो जाती है। 7B सिर्फ इतना कहता है कि फोन में यह ऐप इंस्टॉल हो और यूजर को इसे एक्सेस करने में कोई दिक्कत न हो। लेकिन इसे इस तरह डिसेबल नहीं किया जाना चाहिए कि यूजर इसका इस्तेमाल ही न कर सके। कहीं भी यह नहीं लिखा है कि यूजर ऐप डिलीट नहीं कर सकता। 7B यूजर्स के लिए नहीं है, यह फोन निर्माताओं के लिए है ताकि वे ऐप इंस्टॉल करें। 7B को गलत तरीके से समझा गया है…

टेलीकॉम मंत्री ने पत्रकारों के साथ बातचीत में आगे बताया कि मैंने संसद में भी कहा है कि हमारा एक ही उद्देश्य है-आम लोगों की सुरक्षा। हमें लोगों को इस ‘फ्रॉड’ नाम की बीमारी से बचाना है… अब हमें तय करना है कि लोगों को इस धोखाधड़ी से बचाएं या इसे जारी रहने दें… हमें जो फीडबैक मिला है, उसके आधार पर हम नियमों में संशोधन करने के लिए तैयार हैं। मैंने संसद में भी कहा-हम जिद पर अड़े नहीं हैं…”

कांग्रेस ने क्या कहा

जहां एक ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया संचार साथी ऐप को लेकर उठ रही प्राइवेसी संबंधी आशंकाओं को शांत करने की कोशिश कर रहे थे, वहीं कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अपनी गंभीर चिंता जताई।

उन्होंने कहा, “ऐप को डिसेबल करने के बाद भी यूजर यह नहीं जान पाएगा कि इसकी सभी फीचर्स बंद हुए हैं या नहीं। ऐसी स्थिति में यह मामला प्राइवेसी के अधिकार के उल्लंघन और जासूसी जैसे शक से घिर जाता है।”

कांग्रेस ने क्या कहा

जहां एक ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया संचार साथी ऐप को लेकर उठ रही प्राइवेसी संबंधी आशंकाओं को शांत करने की कोशिश कर रहे थे, वहीं कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अपनी गंभीर चिंता जताई।

उन्होंने कहा, “ऐप को डिसेबल करने के बाद भी यूजर यह नहीं जान पाएगा कि इसकी सभी फीचर्स बंद हुए हैं या नहीं। ऐसी स्थिति में यह मामला प्राइवेसी के अधिकार के उल्लंघन और जासूसी जैसे शक से घिर जाता है।”

आपको बता दें कि संचार साथी ऐप अभी ऐप्पल और गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध है। लेकिन यूजर्स के पास अभी यह विकल्प है कि वे इस ऐप को अपने फोन में इंस्टॉल करें या ना करें। अगर स्मार्टफोन कंपनियां सरकार के निर्देश को फॉलो करती हैं तो नई डिवाइसेज में यह ऐप पहले से इंस्टॉल आएगा और मौजूदा डिवाइसेज में इसे एक सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा।

आपको बता दें कि संचार साथी ऐप को जनवरी 2025 में लॉन्च किया गया था और अगस्त तक इस ऐप को 50 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। सरकार द्वारा सितंबर 2025 में जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, 37.28 लाख से ज्यादा चोरी या खोए हुए मोबाइल डिवाइसेज को इस ऐप का इस्तेमाल कर ब्लॉक कर दिया गया और 22.76 लाख से ज्यादा डिवाइसेज को ट्रेस किया गया।