MP देश का पहला राज्य-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ऑनलाइन भर्ती, CM मोहन यादव ने रखा 3 साल में कुपोषण खत्म करने का लक्ष्य
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में बताया गया कि "आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की पूर्णत: ऑनलाइन पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना है. इसी तरह टेक होम राशन की एफआरएस प्रक्रिया में भी राज्य प्रथम रहा है, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है."
सीएम मोहन यादव ने मंत्रालय में आयोजित बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यप्रणाली की विस्तृत समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अगले 3 साल में कुपोषण खत्म करने के लिए एक फुल-प्रूफ कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए
MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार (3 दिसंबर) को मंत्रालय में आयोजित बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यप्रणाली की विस्तृत समीक्षा की. इस दौरान कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया भी उपस्थित रहीं. इसके अलावा तमाम अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक में सीएम मोहन यादव ने भोपाल, झाबुआ, डिंडोरी, देवास, नीमच सहित विभिन्न जिलों में विभाग द्वारा किए गए नवाचारों की सराहना की. इसके साथ ही उन्होंने लाड़ली लक्ष्मियों के ड्रॉप-आउट को लेकर अधिकारियों को सख्त निगरानी और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए.
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन पोर्टल
बैठक में यह भी बताया गया कि देश में पहली बार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है. रिक्त 19,500 पदों में से 9,948 पदों पर नियुक्ति आदेश जारी हो चुके हैं. शेष पदों की प्रक्रिया प्रगतिरत है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस अभिनव और पारदर्शी व्यवस्था की भी जमकर सराहना की. इसी तरह टेक होम राशन की एफआरएस प्रक्रिया में भी राज्य प्रथम रहा है, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है.
तीन साल में कुपोषण खत्म करने का लक्ष्य
इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अगले 3 साल में कुपोषण खत्म करने के लिए एक फुल-प्रूफ कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने ब्रेस्ट फीडिंग के प्रति व्यापक जन-जागरूकता बढ़ाने पर भी विशेष जोर दिया.
मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले झाबुआ में 'मोटी आई' नवाचार को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है. इसमें बच्चों की बेहतर देखभाल की जाती है, उनके खान-पान का ध्यान रखा जाता है और मालिश आदि की जाती है. झाबुआ में कुपोषण को खत्म करने के लिए 'मोटी आई' मॉडल लागू किया गया है. इसमें पारंपरिक आयुर्वेदिक मालिश को पौष्टिक आहार के साथ जोड़ा जाता है.
महिला बाल विकास विभाग ने प्रधानमंत्री जन मन भवन निर्माण की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए अत्याधुनिक मॉड्यूल विकसित किया है. डिजाइन व मॉनिटरिंग मॉड्यूल को भारत सरकार की विशेष सराहना मिली है. महिला बाल विकास विभाग ने आगामी तीन सालों के लिए कार्य योजना बनाई है, जिसे मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने रखा गया
मध्य प्रदेश के शहरी आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए सेंट्रल किचन व्यवस्था की जाएगी जिससे आंगनबाड़ी केंद्रों तक गर्म भोजन पहुंचेगा. यह नई व्यवस्था वर्ष 2026 तक लागू कर दी जाएगी. निपुण भारत के तहत शाला पूर्व शिक्षा में बड़ा निवेश किया जाएगा ताकि 2047 के विजन को पूरा किया जा सके. लाडली बहना योजना का विस्तार किया जाएगा, प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान किया जाएगा. आगामी तीन वर्षों में आंगनबाड़ी के 9,000 भवन निर्मित किए जाएंगे.
समीक्षा बैठक में बताया गया कि महिला बाल विकास विभाग राज्य और केंद्र सरकार की योजना का लाभ आदि आबादी तक पहुंचा रहा है. 'प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना' में 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को 512 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता दी गई है. लाडली बहना योजना के तहत जनवरी 2024-नवंबर 2025 में 36,778 करोड़ रुपए का अंतरण किया गया है.
राज्य में स्थापित महिला हेल्पलाइन से 172000 महिलाओं को सहायता प्रदान की गई, वहीं वन स्टाफ सेंटर से 52000 महिलाओं को सुरक्षा मिली. इसके अतिरिक्त बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत 1.89 लाख पौधारोपण, 6,520 ड्राइविंग लाइसेंस, और 8,637 बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण दिया गया.
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस