प्रवीन खंडेलवाल, सांसद एवं राष्ट्रीय महामंत्री, कैट का यूनेस्को द्वारा दीवाली को विश्व विरासत उत्सव घोषित किए जाने पर वक्तव्य
प्रवीन खंडेलवाल, सांसद एवं राष्ट्रीय महामंत्री, कैट ने यूनेस्को द्वारा दीवाली को अमूर्त सांस्कृतिक विश्व विरासत घोषित किए जाने पर हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने इसे भारत के कालातीत सभ्यतागत मूल्यों, दीवाली के सार्वभौमिक संदेश और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की वैश्विक मान्यता बताया। खंडेलवाल ने कहा कि यह निर्णय भारत की सॉफ्ट पावर को सशक्त करेगा, अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देगा और देशभर के कारीगरों, शिल्पकारों और व्यवसायों को प्रोत्साहन देगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और सभी सांस्कृतिक हितधारकों को बधाई दी और इसे मानवता के पर्व के रूप में सराहा।
यूनेस्को द्वारा दीवाली को अमूर्त सांस्कृतिक विश्व विरासत घोषित
भारत के सभ्यतागत मूल्यों और दीवाली के सार्वभौमिक संदेश की वैश्विक मान्यता
दीवाली: आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सेतु
भारत की सॉफ्ट पावर और अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा
Surat,यूनेस्को द्वारा दीवाली को अमूर्त सांस्कृतिक विश्व विरासत के रूप में घोषित किया जाना भारत के लिए और दुनिया भर में इस प्रकाश, सौहार्द और आशा के पर्व को मनाने वाले करोड़ों लोगों के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है।
यह वैश्विक मान्यता भारत के कालातीत सभ्यतागत मूल्यों और दीवाली के सार्वभौमिक संदेश—सत्य की असत्य पर, ज्ञान की अज्ञान पर तथा प्रकाश की अंधकार पर विजय—का प्रमाण है। दीवाली केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सेतु है, जो विश्वभर की समुदायों को जोड़ता है।
एक भारतीय, जनप्रतिनिधि और हमारी सांस्कृतिक धरोहर के गर्वित संरक्षक के रूप में मैं यूनेस्को के इस निर्णय का हार्दिक स्वागत करता हूँ। यह भारत की समृद्ध परंपराओं, हमारी सामूहिक सांस्कृतिक चेतना और विश्वभर में बसे भारतीय प्रवासी समुदाय के योगदान को सम्मानित करता है।
यह मान्यता भारत की सॉफ्ट पावर को और सशक्त करेगी, अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देगी और हमारे त्योहारों, परंपराओं एवं सांस्कृतिक ethos के प्रति वैश्विक जागरूकता को और व्यापक बनाएगी। इससे देशभर के कारीगरों, शिल्पकारों, व्यापारियों और दीवाली से जुड़े छोटे व्यवसायों को भी नई ऊर्जा और प्रोत्साहन मिलेगा।
मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उन सभी सांस्कृतिक हितधारकों को बधाई देता हूँ जिन्होंने इस वैश्विक स्वीकृति को संभव बनाने के लिए अथक प्रयास किए।
आज भारत विश्व मंच पर और अधिक उज्ज्वल हुआ है—और दीवाली वास्तव में समस्त मानवता का पर्व बन गई है।
— प्रवीन खंडेलवाल सांसद राष्ट्रीय महामंत्री, कैट
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस