थाना प्रभारी अरुण कुमार राय ने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को मारी गोली, संदिग्ध परिस्थितियों में देर रात थाना परिसर में स्थित क्वार्टर में दिया घटना को अंजाम
उरई। थाने के सिपाहियों ने बताया कि महिला सिपाही 112 में तैनात है। वह इंस्पेक्टर को ब्लैकमेल कर रही थी। उनसे बार-बार रुपए की डिमांड कर रही थी। महिला सिपाही के पास इंस्पेक्टर के कुछ वीडियो थे, जिससे परेशान होकर इंस्पेक्टर ने सुसाइड कर लिया। बताया कि जब इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की पोस्टिंग कोंच कोतवाली में थी, तो महिला सिपाही वहीं पोस्टेड थी।महिला सिपाही पिछले 10 दिन से ड्यूटी से गायब थी। इस दौरान वह इंस्पेक्टर के आवास के आसपास दिखाई दे रही थी। महिला सिपाही ने ही इंस्पेक्टर की मौत की थाने में सूचना दी थी
रात करीब नौ बजे सरकारी क्वार्टर से गोली चलने की आवाज आई, पुलिस टीम ने खून से लथपथ हालत में अस्पताल पहुंचाया।
घटना के बाद पुलिस अधिकारियों में हड़कंप, फोरेंसिक टीम ने कमरे की बारीकी से जांच शुरू की।
महिला सिपाही की संदिग्ध भूमिका पर सवाल, ब्लैकमेलिंग के आरोपों की भी जांच।
उरई । कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय ने संदिग्ध परिस्थितियों में अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली जिन्हें खून से लथपथ हालत में हमराहियों ने तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहा से उन्हें उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, जहां पर उनकी मौत हो गई।
बता दें कि अरुण कुमार राय थाना प्रभारी थे। थाना कैंपस में ही रहते थे। सिपाहियों ने बताया कि शुक्रवार शाम वह थाने के पास चल रहे पंच कुंडीय महायज्ञ के भंडारे में शामिल हुए वहां उन्हें सम्मानित किया गया। इसके बाद जालौनी माता मंदिर के पुजारी सर्वेश महाराज की बेटी की शादी में पहुंचे। वहां वर-वधू को आशीर्वाद देने के बाद रात करीब 9 बजे थाने स्थित अपने सरकारी आवास आ गए। थाने में ही उन्होंने पत्नी से बात की और चंद कदम दूर ही सरकारी आवास में सोने चले गए। करीब 30 मिनट बाद ही कमरे से गोली चलने की आवाज आई। इस दौरान ट्रैक सूट पहने एक महिला सिपाही भागते हुए बाहर आई और चीखकर कहा कि साहब ने गोली मार ली, फिर वहां से भाग गई। थाने में तैनात सिपाही दौड़ते हुए कमरे में पहुंचे वहां इंस्पेक्टर खून से लथपथ बेड पर पड़े थे। प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार राय को खून से लथपथ देख हमराहियों ने तुरंत उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुठौंद पहुंचाया। जहां पर उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया जहां पर उनकी मौत हो गई।घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार वर्मा और कई वरिष्ठ अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे। थाने और आवास के कमरे की फोरेंसिक टीम ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि कारणों की पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।
महिला सिपाही ने ही इंस्पेक्टर की मौत की थाने में दी थी सूचना
उरई। थाने के सिपाहियों ने बताया कि महिला सिपाही 112 में तैनात है। वह इंस्पेक्टर को ब्लैकमेल कर रही थी। उनसे बार-बार रुपए की डिमांड कर रही थी। महिला सिपाही के पास इंस्पेक्टर के कुछ वीडियो थे, जिससे परेशान होकर इंस्पेक्टर ने सुसाइड कर लिया। बताया कि जब इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की पोस्टिंग कोंच कोतवाली में थी, तो महिला सिपाही वहीं पोस्टेड थी।महिला सिपाही पिछले 10 दिन से ड्यूटी से गायब थी। इस दौरान वह इंस्पेक्टर के आवास के आसपास दिखाई दे रही थी। महिला सिपाही ने ही इंस्पेक्टर की मौत की थाने में सूचना दी थी
सिपाही से इंस्पेक्टर बने थे अरुण कुमार राय
उरई। इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय मूलरूप से संत कबीरनगर के थाना घनघटा के रहने वाले थे। 1998 में उनकी सिपाही के पद पर पहली पोस्टिंग हुई थी। विभागीय परीक्षा पास करने के बाद वह 2012 में दरोगा बने। 2023 में प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर बने थे। लोकसभा चुनाव- 2024 के समय उनकी जालौन में पोस्टिंग हुई थी। यहां उन्हें जिले का मीडिया प्रभारी बनाया गया था। जुलाई- 2024 में पहली पोस्टिंग कोंच कोतवाली प्रभारी के रूप में मिली। वहां करीब 8 महीने रहे। इसके बाद ट्रांसफर होकर उरई शहर कोतवाली पहुंचे। वहां करीब 7 महीने रहे। 4 महीने पहले उन्हें कुठौंद थाने के प्रभारी के रूप में भेजा गया था।
पत्नी की तहरीर पर महिला सिपाही पर हुआ मुकदमा दर्ज
उरई। इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की पत्नी माया राय ने पुलिस को मीनाक्षी के खिलाफ तहरीर दी। जिसमें आरोप लगाया कि मेरे पति मानसिक रूप से बहुत मजबूत थे। वो आत्महत्या जैसा कदम कभी नहीं उठा सकते, मीनाक्षी की वजह से ही उनकी जान गई है। इसके बाद पुलिस ने महिला सिपाही के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस