7 साल में स्कूलों से 56 लाख बच्चे गायब, बजट 7 गुना बढ़ा, Cag रिपोर्ट का बड़ा खुलासा: जीतू पटवारी ने की CBI जांच की मांग की
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के उस बयान के बाद मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य के 50 लाख बच्चों ने 5वीं क्लास तक सेब नहीं देखा होगा और उन्हें दूध भी नसीब नहीं होता.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य सरकार को घेरा, बुलाई प्रेस वार्ता
भोपाल : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मध्यप्रदेश में शिक्षा और किसानों की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था, गरीबों और महिलाओं की स्थिति को गंभीर बताया गया है।
पटवारी ने कहा कि आज स्कूलों में 60 लाख बच्चे कम हो गए हैं, जबकि शिक्षा विभाग का बजट पिछले वर्षों में लगातार बढ़कर अब 37 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि बच्चों के पोषण पर मात्र 12 रुपये खर्च हो रहे हैं, जबकि गायों पर 40 रुपये। इसके बावजूद बच्चे और गायें दोनों ही कुपोषित हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में सबसे अधिक कुपोषित बच्चे मध्यप्रदेश में हैं, लेकिन इस पर मुख्यमंत्री की समीक्षा का समय नहीं है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की भोपाल में बेबाक आलोचना की सराहना की और कहा कि उन्होंने साफ कहा कि मध्यप्रदेश के बच्चे 5वीं तक सेब, 10वीं तक अंजीर नहीं खा पाते।
पटवारी ने कहा कि साल 2012-13 में 1 करोड़ 60 लाख बच्चे स्कूलों में पढ़ते थे, आज केवल 1 करोड़ 4 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, जबकि बजट पांच गुना बढ़ गया। उन्होंने सवाल उठाया कि 50 लाख बच्चों का राशन कहां गया और बच्चों के खाने से जुड़े अधिकारियों का क्या हाल है। उन्होंने मांग की कि सीबीआई द्वारा मिड-डे-मील और शिक्षा से जुड़े सभी मामलों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘खाऊंगा ना खाने दूंगा’ के वादे पर क्या हुआ, और शिक्षा से जुड़े सभी तenders का सोशल ऑडिट और ED जांच होना चाहिए। किसानों के हालात पर बात करते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि आज किसानों को फसल के दाम नहीं मिल रहे, और मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा पर 11 दिन में 34 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसका राज्य और किसानों पर कोई सकारात्मक असर नहीं हुआ। पटवारी ने मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार से मांग की कि शिक्षा और किसानों के हित में जितना पैसा आया है उसका पारदर्शी ऑडिट किया जाए, और बच्चों और किसानों की वास्तविक स्थिति का तुरंत सुधार किया जाए।
बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर रखी गई संगोष्ठी में भाग लेने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान रविवार को भोपाल पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने एमपी में बच्चों की न्यूट्रिशनल वैल्यू को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया.
धर्मेंद्र प्रधान ने अपने उद्बोधन के दौरान कहा, ''मैं जिम्मेदारी के साथ और मीडिया के सामने कहता हूं कि मध्य प्रदेश के डेढ़ करोड़ विद्यार्थियों में से 50 लाख बच्चों ने 5वीं क्लास तक Apple (सेब) नहीं देखे होंगे. देखे होंगे तो बाजार में देखे होंगे. उन्हें सेब खाने का सौभाग्य नहीं है. अंजीर तो उनकी जिंदगी में 10वीं के बाद शायद ही आया हो या शायद कभी नहीं आएगा. अनेकों बच्चों को जब एक गिलास दूध चाहिए तब नहीं मिलता हैं. इसको करेगा कौन? ये समाज को सोचने की जरूरत है.''
56 लाख बच्चे सात साल में गायब!
सरकारी UDISE डेटा के अनुसार: 2017-18 में कक्षा 1 से 12 तक कुल नामांकन → 1 करोड़ 60 लाख और 2024-25 में कुल नामांकन → मात्र 1 करोड़ 04 लाख। उन्होंने कहा कि 7 साल में कुल 56 लाख बच्चे शिक्षा व्यवस्था से लापता हैं। पटवारी ने पूछा कि ये 56 लाख बच्चे कहां गए? क्या ये सिर्फ ड्रॉप-आउट हैं या व्यवस्था से भरोसा ही खत्म हो गया? क्या इन्हें मजदूरी करने भेज दिया गया? क्या ये बाल मजदूरी और बाल विवाह की भेंट चढ़ गए? सरकार इसका जवाब दे।
बजट में पांच गुना वृद्धि
जीतू पटवारी ने कहा कि 2017 में स्कूल शिक्षा का बजट 7000 करोड़ रुपए था। 2024-25 में यह बजट 37000 करोड़ रुपए हो गया है। फिर भी बच्चों को मिड डे मील में सूखी रोटी और नमक मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सेब, अंजीर, बादाम, दूध का नामोनिशान नहीं है। 14000 से अधिक स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक हैं। 10,000 स्कूल बिना प्रिंसिपल के चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 25 फीसदी स्कूलों में विज्ञान और गणित के शिक्षक नहीं है।
इसके साथ ही जीतू पटवारी ने सवाल उठाया कि 30,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट कहां गया? मिड-डे मील माफिया, आउटसोर्सिंग ठेकेदार, कमीशनखोर अफसर और नेताओं की जेब में तो नहीं पहुंचा? यह पैसा बच्चों तक पहुंचा ही नहीं तो किसने खाया?” आज उनके अपने केंद्रीय मंत्री ने साबित कर दिया कि कांग्रेस जो कह रही थी, वह 100% सच था। अब भाजपा के पास शर्म करने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस