54 साल बाद खुला बांके बिहारी मंदिर का खजाना, , तोशखाने से निकला लकड़ी का संदूक, चांदी का छत्र और पुराने दस्तावेज

वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का 54 साल बाद खजाना खोला गया। सुप्रीम कोर्ट की समिति के आदेश पर हुई इस खोजबीन में बर्तन, चांदी का छत्र और खाली संदूक मिले। 1971 में आखिरी बार खजाना खुला था, जिसके बाद जेवरात बैंक लॉकर में रख दिए गए थे। खजाने में मिट्टी और सांप भी मिले। रविवार को खजाना फिर खोला जाएगा।

54 साल बाद खुला बांके बिहारी मंदिर का खजाना, , तोशखाने से निकला लकड़ी का संदूक, चांदी का छत्र और पुराने दस्तावेज

54 साल से बंद पड़े श्री बांके बिहारी मंदिर के तोषखाना को शनिवार को खोल दिया गया। शुरुआती समय में तो दरवाजा खोलने में पसीने छूट गए। कड़ी मशक्कत के बाद तोषखाना के ताले खोले गए।

Mathura News:वृंदावन के ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर का रहस्यमयी खजाना तो खुल गया है लेकिन अब एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है आखिर खजाने का माल कहां गया। उम्मीद तो यह लगाई जा रही थी कि खजाने में कीमती हीरे, जवाहरात हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला। कमेटी के सदस्य सेवायत ने भी सवाल खड़ा किया और इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने की प्रशासनिक अधिकारियों से बात कही है।

खजाने में खाली संदूक और आभूषणों के खाली बाॅक्स मिले जो कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। गौरतलब है कि श्री बांकेबिहारी मंदिर में 54 वर्षों से बंद मंदिर का तोषखाना जब खोला गया तो उसमें निकले सामान को लेकर सभी को आश्चर्यचकित रह गए। 

बांके बिहारी मंदिर के तोशखाने में की जा रही सर्चिंग के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। जांच के दौरान वन विभाग की टीम को दो सांप के बच्चे मिले हैं। टीम ने दोनों सांपों को सुरक्षित तरीके से पकड़कर एक डिब्बे में बंद किया और अपने साथ ले गई।

जानकारी के अनुसार, शनिवार को मंदिर प्रशासन की मौजूदगी में वन विभाग की टीम तोशखाने के अंदर जांच करने पहुंची थी। मंदिर का गेट खोलने के बाद जैसे ही टीम ने अंदर प्रवेश किया, उन्हें एक लकड़ी का बक्सा दिखाई दिया। टीम ने जब बक्सा खोला तो उसमें कुछ सामान के साथ दो छोटे-छोटे सांप के बच्चे निकल आए।अचानक सांपों के दिखाई देने से टीम के सदस्यों में कुछ देर के लिए हलचल मच गई, लेकिन वन कर्मियों ने तुरंत सूझबूझ दिखाते हुए दोनों सांपों को पकड़ लिया। इसके बाद बक्से के अंदर मिले अन्य सामान की बारीकी से जांच शुरू की गई। टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सांप मंदिर में कैसे पहुंचे।

मंदिर प्रशासन ने बताया कि तोशखाना लंबे समय से बंद था, और वहां सफाई या जांच का काम अब पहली बार किया गया है। संभावना जताई जा रही है कि सांप किसी कोने से अंदर घुस गए होंगे और वहीं फंस गए।वन विभाग की टीम ने सांपों को सुरक्षित स्थान पर छोड़ने की बात कही है। मंदिर परिसर में आगे किसी तरह के जंगली जीव न आएं, इसके लिए आसपास के क्षेत्रों की भी जांच की जा रही है।इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने तोशखाने की नियमित सफाई और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने।