मोहन यादव की बड़ी सौगात, 7,832 टॉपर स्टूडेंट्स को देंगे स्कूटी, बालिकाओं को सेनिटेशन-हाइजीन के लिए करेंगे 61 करोड़ ट्रांसफर

सीएम मोहन यादव गुरुवार को फ्री ई-स्कूटी योजना के तहत 7,832 मेधावी विद्यार्थियों को स्कूटी की राशि देंगे. साथ ही 20 लाख से ज्यादा बालिकाओं के खातों में 61 करोड़ रुपए ट्रांसफर करेंगे.

मोहन यादव की बड़ी सौगात, 7,832 टॉपर स्टूडेंट्स को देंगे स्कूटी, बालिकाओं को सेनिटेशन-हाइजीन के लिए करेंगे 61 करोड़ ट्रांसफर

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज भोपाल में 12वीं कक्षा के 7,832 टॉपर विद्यार्थियों को निशुल्क स्कूटी योजना के तहत राशि प्रदान करेंगे। इसी के साथ 20 लाख से अधिक बालिकाओं को सेनिटेशन और हाइजीन के लिए 61 करोड़ से अधिक राशि का अंतरण भी किया जाएगा।

भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव गुरुवार को राज्य के मेधावी विद्यार्थियों के लिए बड़ी घोषणा करेंगे. इस दौरान वह फ्री ई-स्कूटी योजना (Free e-Scooty/ICES Scheme) के तहत कक्षा 12वीं में टॉप करने वाले 7,832 विद्यार्थियों को स्कूटी के लिए राशि जारी करेंगे. कार्यक्रम राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा.

स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए 61 करोड़ की राशि

सीएम यादव केवल ई-स्कूटी योजना तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वह ‘समग्र शिक्षा’ के स्वच्छता और स्वास्थ्य योजना के तहत कक्षा 7वीं से 12वीं तक की 20,37,439 बालिकाओं के बैंक खातों में सीधे 61 करोड़ रुपए ट्रांसफर करेंगे. यह राशि उन्हें स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए दी जा रही है.

फ्री ई-स्कूटी योजना क्या है?

फ्री ई-स्कूटी/ICES स्कीम’ राज्य में शैक्षणिक सत्र 2022–23 से लागू है. योजना के तहत वो छात्र-छात्राएं पात्र होते हैं जिन्होंने शिक्षा विभाग या जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में नियमित विद्यार्थी के रूप में अध्ययन किया हो. कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अपने स्कूल में टॉप करने वाले विद्यार्थी को स्कूटी दी जाती है. अगर स्कूल केवल लड़कों या लड़कियों का है, तो एकमात्र टॉपर को लाभ मिलता है. को-एजुकेशन स्कूल में लड़का और लड़की दोनों टॉपर इस योजना के लाभार्थी होते हैं.

आत्मनिर्भरता और शिक्षा को बढ़ावा

सरकार का कहना है कि इस योजना से विद्यार्थियों को न केवल प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि उन्हें आवागमन में आसानी होगी. यह कदम खासकर ग्रामीण और अंचल क्षेत्रों की मेधावी छात्राओं के लिए बड़ा सहारा साबित होगा.