यूपी में भाजपा का बड़ा दांव: 100 से ज्यादा विधायकों का टिकट काटने की तैयारी, 80 सीटों पर नए चेहरे, सहयोगियों के लिए खास रणनीति
उत्तर प्रदेश बीजेपी का इंटरनल सर्वे 2027 चुनाव से पहले बड़ा भूचाल ला सकता है. 100 से ज्यादा विधायकों के टिकट कट सकते हैं. आरोप है कि पार्टी के बहुत सारे विधायक जनता से कट चुके हैं और वो लोगों से मिलने को लेकर काफी सुस्त हैं.

पार्टी और सरकार को फील्ड से फीडबैक मिल रहा है कि उसे यूपी में लगातार तीसरी बार भगवा परचम फहराने के लिए कई सख्त कदम उठाने होंगे। ऐसे में पार्टी ने 100 से ज्यादा मौजूदा विधायकों के टिकट काटने का मन बना लिया है। साथ 60 से 80 सीटों पर नए चेहरे उतारे जाएंगे।
"लखनऊ"उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी कोई कोर कसर छोड़ने के मूड में नहीं है. बीजेपी ने इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी है. जल्द ही बीजेपी एक इंटरनल सर्वें शुरू करने जा रही है, जिसमें सभी विधायकों के परफॉर्मेंस की जांच परख की जाएगी. इस खबर से पार्टी के अंदर हलचल तेज हो गई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा ने 2027 विधानसभा चुनाव से पहले अपने विधायकों के कामकाज और जनता में पकड़ को लेकर सर्वे कराने का फैसला किया. इस सर्वे में जिन विधायकों की पकड़ जनता में कमजोर होगी या फिर क्षेत्र में उनकी सक्रियता और परफ़ॉर्मेंस ठीक नहीं होगी उनका टिकट कटना तय है.
पार्टी और सरकार को फील्ड से फीडबैक मिल रहा है कि उसे यूपी में लगातार तीसरी बार भगवा परचम फहराने के लिए कई सख्त कदम उठाने होंगे। ऐसे में पार्टी ने 100 से ज्यादा मौजूदा विधायकों के टिकट काटने का मन बना लिया है। साथ 60 से 80 सीटों पर नए चेहरे उतारे जाएंगे।
विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी ने 403 में से 376 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसमें से 255 सीटों पर पार्टी जीती थी। उस दौरान अपना दल (एस) और निषाद पार्टी का गठबंधन था। अपना दल (एस) ने गठबंधन में मिली 18 में से 12 सीटें जीती थीं। निषाद पार्टी को गठबंधन में सीधे तौर पर 10 सीटें मिली थीं। हालांकि 6 सीटों पर चुनाव जीत सकी थी।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि 2022 में योगी सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर नहीं थी। बीजेपी के अंदर भी गुटबाजी और असंतोष दिखाई नहीं देता था। सपा के पास PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का फॉर्मूला भी नहीं था।
बीजेपी कराएगी विधायकों का आंतरिक सर्वे
बीजेपी के इस इंटरनल सर्वे को लेकर अभी से पार्टी के अंदर हड़कंप मच गया है. सूत्रों की माने तो भाजपा सौ से ज्यादा मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है. खबर ये भी है इस इंटरनल सर्वे के लिए पार्टी किसी निजी एजेंसी को जिम्मेदारी दे सकती है ताकि निष्पक्ष रिपोर्ट सामने आ सके.
इस आंतरिक सर्वे में पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों और संगठन की रिपोर्ट को भी आधार बनाएगी. ये सर्वें तीन स्तर पर किया जाएगा. जिसमें संगठन की राय, जनता का फीडबैक और चुनावी संभावना का आंकलन होगा. इसके साथ ही इस बात पर नजर होगी कि विपक्ष द्वारा इस सीट पर किस प्रत्याशी पर दांव लगाया जा सकता है.
2027 के चुनाव पर पार्टी की नजर
बीजेपी के इस आंतरिक सर्वें की कवायद से साफ है पार्टी इस बार कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता. पार्टी नेतृत्व का एक ही लक्ष्य है यूपी में तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाना. इस लक्ष्य में अगर कोई भी बाधा आती है तो पार्टी उसे साइड करने में दे नहीं लगाएगी.
माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व का काफी समय से इस तरह की शिकायतें मिल रही थीं कि विधायक जनता से दूर हो रही है और उनकी अपने क्षेत्र में सक्रियता भी नहीं है जिसकी लोगों में उनके प्रति नाराजगी बढ़ रही है. इस सर्वे का संदेश एकदम साफ़ है कि अभी से पूरी तैयारी में जुट जाएं नहीं तो टिकट कटने से कोई नहीं रोक सकता है.