बीजेपी को लगा झटका, पीएम के दौरे से पहले बीजेपी में बगावत, 43 कार्यकर्ताओं ने दिया सामूहिक इस्तीफ़ा
भाजपा सदस्यों ने एक बयान में कहा कि वे पार्टी के भीतर वर्तमान स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं और परामर्श, समावेशिता और जमीनी स्तर के नेतृत्व के प्रति सम्मान की कमी को इस कदम के पीछे प्रमुख कारण बताया।

मणिपुर में मोदी से पहले ही बीजेपी को बड़ा नुकसान, 43 सदस्य पार्टी से अलग
प्रधानमंत्री मोदी के 13 सितंबर को संभावित मणिपुर दौरे से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। उखरुल जिले के फुंग्यार क्षेत्र में पार्टी के 43 पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया, जिनमें मंडल, महिला, युवा, किसान मोर्चा के प्रमुख और कई बूथ अध्यक्ष शामिल हैं। इस्तीफों का कारण पार्टी में संवाद की कमी और जमीनी नेताओं की उपेक्षा बताया गया है।
मणिपुर में पिछले दो साल से जारी हिंसा ने राज्यभर की राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है। इसी सिलसिले में राज्य में भाजपा को एक बड़ा झटका तब लगा जब 13 सितंबर को पीएम मोदी के संभावित मणिपुर दौरे से पहले उखरुल जिले के फुंग्यार विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के 43 पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों में मंडल अध्यक्ष, महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, किसान मोर्चा के प्रमुख और कई बूथ अध्यक्ष शामिल हैं।
भाजपा ने दी प्रतिक्रिया
वहीं इन इस्तीफों पर मणिपुर भाजपा के उपाध्यक्ष अवुंग शिमराय होपिंगसन ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ये सभी लोग 2022 विधानसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। उन्होंने इसे एक प्रचार स्टंट करार देते हुए कहा कि यह लोगों को गुमराह करने और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। उन्होंने यह भी दावा किया कि फुंग्यार क्षेत्र में भाजपा की मंडल और बूथ स्तरीय इकाइयां पूरी तरह से मजबूत और सक्रिय हैं। साथ ही, इस्तीफा देने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई है।
इस्तीफा के बाद क्या बोले नेता?
वहीं इस्तीफा देने वाले नेताओं ने एक बयान जारी कर कहा कि वे पार्टी की वर्तमान स्थिति को लेकर गंभीर चिंता में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में जमीनी नेताओं के साथ कोई परामर्श नहीं होता, समावेशिता नहीं है और सम्मान की कमी है। साथ ही बयान में यह भी कहा गया कि हमारी निष्ठा पार्टी और उसकी विचारधारा के प्रति हमेशा अटूट रही है, लेकिन अब हम अपने समुदाय और मणिपुर की जनता की भलाई के लिए काम करते रहेंगे।
पीएम मोदी की यात्रा से पहले भाजपा झटका
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के शनिवार को मणिपुर पहुंचने की संभावना है। यह दौरा मई 2023 में मणिपुर में मीतई और कुकी-जो समुदायों के बीच हुई जातीय हिंसा के बाद उनका पहला दौरा होगा। इस हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। फलस्वरूप इसी साल फरवरी में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था।