सतना जिला अस्पताल में 4 बच्चों को चढ़ा दिया HIV संक्रमित ब्लड, 4 महीने बाद खुला सिस्टम की लापरवाही का केस

सतना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक की लापरवाही से थैलेसीमिया से पीड़ित 4 बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया गया। मामला चार महीने पुराना बताया जा रहा है, जिसका खुलासा अब हुआ है।

सतना जिला अस्पताल में 4 बच्चों को चढ़ा दिया HIV संक्रमित ब्लड, 4 महीने बाद खुला सिस्टम की लापरवाही का केस

सतना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक की लापरवाही से थैलेसीमिया से पीड़ित 4 बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया गया। मामला चार महीने पुराना बताया जा रहा है, जिसका खुलासा अब हुआ है।

चारों बच्चों की उम्र 8 से 11 साल के बीच है। थैलेसीमिया से पीड़ित इन बच्चों को नियमित रूप से ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ती है। आईसीटीसी में कराई गई जांच में यह सामने आया कि पहले सभी बच्चे एचआईवी नेगेटिव थे, लेकिन बाद की जांच में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद संक्रमण के सोर्स को लेकर जांच शुरू की गई।

मामले में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने जांच करके रिपोर्ट मंगाई है। इस बात की भी जांच कराई जा रही है कि बच्चों को सरकारी अस्पताल के अलावा और कहीं ब्लड ट्रांसफ्यूजन तो नहीं किया गया है।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को चढ़ाया ब्लड

मध्यप्रदेश में सरकारी अस्पतालों का हाल बेहाल हो चुका है. सतना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक पर जानलेवा लापरवाही का आरोप लगा है. लापरवाही का नतीजा है कि 4 मासूम एचआइवी से संक्रमित हो गए. अब चारों मासूमों की जान संकट में है. चारों मासूम पहले से ही थैलेसीमिया जैसी बड़ी बीमारी का शिकार थे. अब एचआईवी का शिकार भी हो गए.

चारों मासूमों के परिजन अस्पताल में इस बीमारी से लड़ने के लिए रक्तरूपी जीवनदान मांगने आए थे. लेकिन उन्हें ब्लड बैंक से ब्लड डोनेट के रूप में एचआइवी से संक्रमित रक्त उन्हें चढ़ा दिया गया.

जांच करने पर चारों मासूम एचआईवी पॉजीटिव

मामले का खुलासा सोमवार को हुआ. थैलेसीमिया जैसी बड़ी बीमारी से ग्रस्त बच्चों को लगातार ब्लड की जरूरत होती है. जिला अस्पताल में रक्तदाताओं द्वारा स्वैच्छिक रूप से रक्त लिया जाता है. लेकिन अब स्वैच्छिक रूप से लिए गए रक्त ने बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. रक्तदाताओं से लिए गए रक्त को 4 मासूमों को चढ़ा दिया गया और जब जांच की गई तो चारों मासूम एचआईवी पीड़ित पाए गए. इनकी उम्र 8 से 12 वर्ष के बीच है.

रक्तदाताओं की जांच करने में जुटा ब्लड बैंक

अब स्वास्थ्य विभाग रक्तदाताओं की जांच में जुटा है. लापरवाही का आलम ये है कि एचआईवी संक्रमित ब्लड चढ़ाने का मामला 4 माह पहले का है, लेकिन अब इस मामले की जांच पूरी नहीं हो सकी है. वहीं, ब्लड बैंक के अधिकारी अपना अलग राग अलाप रहे हैं. सतना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. देवेंद्र पटेल का कहना है "4 मासूम ब्लड चढ़ाने के बाद एचआईवी संक्रमित हुए हैं. रक्तदाताओं की जांच की जा रही है."

बच्ची के पिता ता दावा- 6 बच्चे एचआईवी संक्रमित चारों बच्चों में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद पीड़ित परिवार ने भी मामले को लेकर अपनी बात रखी। एक पीड़ित बच्ची के पिता ने बताया कि उनकी बच्ची का जन्म 23 दिसंबर 2011 को हुआ था। 9 साल की उम्र में उसे थैलेसीमिया का पता चला। इलाज सतना और पुणे में चलता रहा। बच्ची को ब्लड ट्रांसफ्यूजन सतना जिला अस्पताल से, जबलपुर में 3 बार और सतना के बिरला अस्पताल से 2 बार किया गया।

उन्होंने दावा किया कि एचआईवी पॉजिटिव बच्चे केवल चार नहीं, बल्कि छह हैं। पिता ने कहा कि प्रशासन की गलती की वजह से हमारी बच्ची को एचआईवी संक्रमण हुआ।