एमपी विधानसभा में सियासी घमासान ! लैंड पुलिंग, बिजली खरीदी, आरजीपीवी घोटाला और 108 एंबुलेंस पर गरमाया माहौल

मध्य प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान भ्रष्टाचार, विद्युतीकरण, ऑडोटोरियम भवन निर्माण का मुद्दा उठाया गया

एमपी विधानसभा में सियासी घमासान ! लैंड पुलिंग, बिजली खरीदी, आरजीपीवी घोटाला और 108 एंबुलेंस पर गरमाया माहौल

मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र 2025 के अंतिम दिन (5 दिसंबर ) सदन में प्रश्नोत्तर काल चल रहा है। शुक्रवार को सिंगरौली में 6 लाख पेड़ों की अवैध कटाई के मुद्दे पर कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया।

Bhopal :मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन भाजपा विधायक विकास और विरासत के 2 साल के पोस्टर के साथ पहुंचे। भाजपा के विधायकों के इस प्रदर्शन को पिछले कई दिनों से कांग्रेस द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों का जवाब माना जा रहा है। भाजपा की मोहन यादव सरकार को कमान संभाले दो साल हो रहे हैं और इन दो सालों में राज्य कितना बदला है, इसका लेखा-जोखा देने वाले पोस्टर के साथ भाजपा विधायक विधानसभा परिसर में पहुंचे। यह पोस्टर मुख्य रूप से विकास और विरासत के दो सालों की कहानी कह रहे हैं। पोस्टर पर लिखा था- "मोदी-मोहन का साथ, डबल इंजन से तेज विकास। मध्य प्रदेश बने निवेश का दरबार, मोहन यादव सरकार लगातार तैयार। राज्य में निवेश बढ़ा, विकास बढ़ा।" इन पोस्टरों के जरिए मोहन यादव सरकार द्वारा किए गए कार्यों का बखान किया गया और यह भी बताया गया कि मध्य प्रदेश इंडस्ट्रीज का हब बन गया है।

मध्य प्रदेश विधानसभा के सत्र में आज कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोरदार चर्चा हुई. सबसे पहले कांग्रेस विधायक महेश परमार ने उज्जैन में हो रही लैंड पुलिंग की प्रक्रिया पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि किसानों के लगातार संघर्ष के बाद सरकार ने लैंड पुलिंग को निरस्त करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इसका लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है. उन्होंने पूछा कि घोषणा पत्र कब जारी होगा और आदेश कब आधिकारिक रूप से रद्द होगा.

इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव घोषणा कर चुके हैं और पत्र जल्द जारी कर दिया जाएगा. इसी पर कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने टिप्पणी की कि किसान चिंतित हैं और प्रक्रिया की गति बहुत धीमी है. जवाब में विजयवर्गीय ने कहा कि “मुख्यमंत्री जी ने बोल दिया है तो अब क्या बचता है”, यानी आदेश जल्द आ जाएगा.

इसके बाद कांग्रेस विधायक चंदा सुरेंद्र सिंह गौर ने खरगापुर क्षेत्र में विद्युतीकरण न होने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश देने के बावजूद कई गांवों में अभी भी बिजली नहीं पहुँची. इस पर मंत्री तुलसी सिलावट ने जवाब देते हुए कहा कि विद्युतीकरण का काम जारी है. कई मंजरे और टोले में प्रक्रिया पूरी की जा रही है और सर्वे के आधार पर आगे कार्य होगा.

कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने बिजली खरीदी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले से ही सरप्लस बिजली है, फिर भी सरकार पावर एक्सचेंज से बिजली खरीद रही है, जो समझ से परे है. मंत्री तुलसी सिलावट ने स्वीकार किया कि बिजली खरीदी जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश की 2409 इंडस्ट्री, फैक्ट्री और बड़े उपभोक्ताओं पर 1228 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बकाया है. स्मार्ट मीटर से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा रहा है. उन्होंने सुझाव का स्वागत किया कि स्मार्ट मीटर की निगरानी के लिए एक विधानसभावार कमेटी बनाई जाए, जिसमें स्थानीय विधायक भी शामिल हों. संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सदन में विधायकों की अनुपस्थिति पर चिंता जताई. उन्होंने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि अगली बार सत्र की तारीखें तय करते समय शादी-विवाह के मुहूर्तों का ध्यान रखा जाए, क्योंकि विधायकों को अपने क्षेत्रों में होने वाली शादियों में भाग लेना पड़ता है. प्रश्नकाल के दौरान कई विधायक अनुपस्थित पाए गए.

बीजेपी विधायक भगवानदास सबनानी ने ध्यानाकर्षण के तहत RGPV विश्वविद्यालय में हुए घोटाले का मुद्दा उठाया. उन्होंने बताया कि 19 करोड़ से अधिक की अनियमितता सामने आई थी, जिसमें सरकारी खाते से निजी खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे. उन्होंने पूछा कि अब तक दोषियों पर क्या कार्रवाई हुई. मंत्री ने बताया कि इस मामले में चार लोगों पर FIR दर्ज की गई थी, गिरफ्तारियाँ भी हुई हैं और मामला कोर्ट में विचाराधीन है.

विधायक विक्रांत भूरिया और जयवर्धन सिंह ने सिंगरौली में अवैध वन कटाई का मुद्दा उठाया. भूरिया ने कहा कि उन्हें चोरी-छुपे वहां जाना पड़ा क्योंकि ग्रामीणों को बाहर आने की मंजूरी नहीं थी, जबकि बाहर के लोगों को अंदर जाने दिया जा रहा था. उन्होंने पूछा कि आठ गांव आरक्षित क्षेत्र से बाहर क्यों किए गए. मंत्री दिलीप अहिरवार ने जवाब दिया कि सिंगरौली में अवैध कटाई जैसा कुछ नहीं है, जितने पेड़ काटे जा रहे हैं उतने नए पौधे भी लगाए जा रहे हैं और सभी काम नियमों के अनुसार हो रहा है.

इस पर भूरिया ने कहा कि सिंगरौली में पेड़ काटे जा रहे हैं, लेकिन पेड़ लगाने का काम सागर और रायसेन में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सिंगरौली का AQI पूरे प्रदेश में सबसे खराब है और वहाँ जंगल तेजी से खत्म हो रहे हैं.

जयवर्धन सिंह ने कहा कि विश्वभर में कोयले से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा रहा है, लेकिन यहां तीन नई कोयला खदानें दी गई हैं. उन्होंने कहा कि यह मामला पेसा कानून के दायरे में आता है और वन संरक्षण कानून 1980 का सही पालन होना चाहिए. उन्होंने सरकार से स्पष्ट जवाब देने की मांग की.

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने 108 एंबुलेंस सेवा में घोटाले का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि जय अम्बे कंपनी ने फर्जी तरीके से टेंडर लिया है. कंपनी का परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन नहीं है, एंबुलेंस एक दिन में 400 किलोमीटर तक चलाई जा रही हैं, समय पर एंबुलेंस नहीं पहुँचती और कंपनी का अनुभव प्रमाणपत्र भी नहीं है. उन्होंने कहा कि कंपनी कोयला कारोबार से जुड़ी है और श्रम कानूनों का पालन नहीं कर रही.

स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने जवाब में कहा कि शहरों में एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम 18 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 25 मिनट है. राज्य में कुल 2061 एंबुलेंस हैं. उन्होंने बताया कि मातृ मृत्यु दर 173 से घटकर 142 हो गई है और शिशु मृत्यु दर भी 41 से 37 हो गई है. 2022 में पारदर्शी तरीके से टेंडर किया गया था. उन्होंने कहा कि मामले की दोबारा जांच कराई जाएगी. कंपनी पर 85 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई गई है और कई एंबुलेंस अधिक चलने की रिपोर्ट आई थी जिसके कारणों की जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि अब तक 1 करोड़ से अधिक लोगों को एंबुलेंस सेवा का लाभ मिला है और मॉनिटरिंग सिस्टम में सुधार किया जाएगा.