पूर्व पीएम के पोते को रेप केस में उम्र कैद की सजा, 10 लाख रुपए का जुर्माना
जेडीएस के युवा नेता रहे प्रज्वल रेवन्ना को हाउस हेल्प से रेप के केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने उनपर ₹10 लाख का जुर्माना भी लगाया है। इस पूरे मामले का खुलासा रेवन्ना के आपत्तिजनक वीडियोज सामने आने के बाद हुआ था।

कोर्ट ने शुक्रवार को रेवन्ना को दोषी ठहराया था। रेवन्ना ने कोर्ट में कम सजा देने की अपील करते हुए दावा किया था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
Former MP Prajwal Revanna gets life sentence in rape case : जनता दल सेक्युलर के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने रेप केस में उम्रकैद की सजा सुनाई है. यह मामला कर्नाटक के हासन जिले में दर्ज 3 रेप मामलों में से एक है, जिसमें कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया है. प्रज्वल रेवन्ना, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते, कर्नाटक के पूर्व मंत्री एच डी रेवन्ना के बेटे और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी के भतीजे हैं.
बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट का बड़ा फैसला
प्रज्वल पर आरोप था कि उन्होंने परिवार के फार्महाउस पर एक घरेलू नौकरानी का यौन शोषण किया. उन पर यह भी आरोप लगा कि उन्होंने अपने प्रभाव और दबदबे का गलत इस्तेमाल किया. उनके खिलाफ IPC की धारा 376(2)(k) के तहत मामला दर्ज हुआ, जो शक्ति का दुरुपयोग करते हुए किए गए रेप से जुड़ा है. इसके अलावा, उन पर यौन उत्पीड़न और धमकी देने जैसे अपराधों के तहत भी आरोप लगे. MP/MLA मामलों की स्पेशल कोर्ट के जज संतोष गजानन भट ने शनिवार को प्रज्वल पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. एक दिन पहले यानी इसी शुक्रवार को कोर्ट ने 34 साल के प्रज्वल को मामले में दोषी करार दिया और शनिवार को सजा सुनाई गई.
मामला कैसे शुरू हुआ?
प्रज्वल रेवन्ना को 31 मई 2024 को जर्मनी से लौटने पर बेंगलुरु एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले सोशल मीडिया पर उनके कई अश्लील वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें उन्हें कई महिलाओं के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा गया था. यह वीडियो खुद उनके मोबाइल से रिकॉर्ड किए गए थे. ये वीडियो 26 अप्रैल 2024 को होने वाले लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले सामने आए थे, जिसमें प्रज्वल JD(S)-BJP गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में हासन से चुनाव लड़ रहे थे. लेकिन वे कांग्रेस उम्मीदवार से हार गए.
कर्नाटक पुलिस की एसआईटी (स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम) ने इस मामले की गंभीरता से जांच की और प्रज्वल के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए. सबसे अहम सबूत डीएनए रिपोर्ट थी, जिसमें पीड़िता के कपड़ों से मिले बाल और द्रव के नमूने प्रज्वल के डीएनए से मेल खाते पाए गए
शिकायत कैसे दर्ज हुई?
पीड़िता का बयान 2 मई 2024 को दर्ज किया गया और उसने 8 मई को औपचारिक शिकायत दी. उसका कहना था कि उसे मैसूर के पास एक फार्महाउस में बंधक बनाकर रखा गया था. यहीं से उसे एक लीक वीडियो के जरिए पहचान मिली. SIT ने दिसंबर 2024 में 1,632 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 113 गवाहों के बयान शामिल थे. 3 अप्रैल 2025 को आरोप तय हुए और अब कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुना दी.
प्रज्वल का पूर्व ड्राइवर कार्तिक एन (34) इस केस का सबसे अहम गवाह बना. उसने बताया कि उसे पूर्व सांसद के मोबाइल में 2,000 से ज्यादा अश्लील तस्वीरें और 40-50 वीडियो मिले थे, जिससे पूरे मामले की परतें खुलीं.
अभी बाकी हैं दो और केस
इस केस में तो कोर्ट ने फैसला सुना दिया है, लेकिन प्रज्वल के खिलाफ दो और यौन शोषण केस चल रहे हैं. एक केस JD(S) की पूर्व जिला पंचायत सदस्य द्वारा दर्ज किया गया है, जिसमें उनके पति ने भी कोर्ट में गवाही दी है. दूसरा मामला एक घरेलू कुक और उसकी बेटी द्वारा दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
प्रज्वल के परिवार ने इन मामलों को राजनीतिक साजिश बताया है और आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार हासन क्षेत्र में JD(S) का प्रभाव खत्म करने के लिए यह सब कर रही है.