SHO बने रिक्शा चालक, साथी पुलिस वाले ने बेचा गन्ने का रस, MP पुलिस ने पंजाब से पकड़े फरार तस्कर
खरगोन के जैतापुर थाने से हथकड़ी समेत फरार हुए पंजाब के दो हथियार तस्करों—वीरपाल और जगविंदर सिंह—को पुलिस ने 8 दिन की तलाश के बाद पंजाब के जालंधर से गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपी 30 मई को अवैध हथियारों के साथ पकड़े गए थे और 31 मई को थाने से फरार हो गए थे. गिरफ्तारी के लिए गठित SIT की टीम ने अंडरकवर ऑपरेशन चलाया. पुलिसकर्मी ने गन्ने की दुकान पर काम किया, तो रिक्शा चालक बनकर इलाके में रैकी करता रहा.

MP पुलिस ने फरार तस्करों को पंजाब से पकड़ा.
गुप्त अभियान में पुलिसकर्मी आम नागरिक बने.
तस्करों को पकड़ने में 8 दिन लगे.
खरगोन के जैतापुर थाने से हथकड़ी सहित फरार हुए पंजाब के दो आरोपियों को पुलिस ने जालंधर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस को पांच दिन तक रिक्शा चलाना और गन्ने का रस बेचना पड़ा। वीरपाल (28) और जगविंदर सिंह (19) को 30 मई को गोपालपुरा से दो अवैध पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन तड़के 3:45 बजे दोनों आरोपी हथकड़ी सहित बाथरूम जाने का बहाना बनाकर फरार हो गए।
एसपी धर्मराज मीणा ने गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। बाद में निमाड़ रेंज डीआईजी सिद्धार्थ बहुगुणा ने यह राशि बढ़ाकर 20 हजार कर दी।.
जैतापुर पुलिस थाने से हथकड़ी समेत फरार हुए दो शातिर हथियार तस्करों को मध्य प्रदेश पुलिस ने पंजाब के जालंधर से गिरफ्तार कर लिया है. इस गिरफ्तारी के पीछे पुलिस का एक बेहद ही चुनौतीपूर्ण और गुप्त अभियान छिपा है, जिसमें पुलिसकर्मी आम नागरिक बनकर गन्ने के जूस की दुकान पर काम करते और रिक्शा चलाते नजर आए. लगभग 8 दिनों की कड़ी मशक्कत और ‘अंडरकवर’ रेकी के बाद पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को दबोचने में सफलता पाई.
होने वाले बच्चे को देखने की चाह में हुआ था फरार, जांच में चौंकाने वाला खुलासा
आरोपियों में से एक (संभवतः वीरपाल, जिसकी गर्भवती पत्नी है) अपने होने वाले बच्चे को देखने की चाह में थाने से भागा था. फरार होने के बाद, वे खेतों के रास्ते भागकर आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंचे. पैसे नहीं होने के चलते, उन्होंने ट्रैक्टर ट्रॉली, दुपहिया वाहन और ट्रकों से लिफ्ट लेकर ग्वालियर तक का सफर तय किया और फिर ट्रेन से पंजाब भाग गए. पुलिस के लिए यह गिरफ्तारी एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि आरोपी 1300 किलोमीटर दूर पंजाब पहुंच चुके थे. खरगोन पुलिस की एक टीम, जिसमें जैतापुर थाना प्रभारी सुदर्शन कलोसिया भी शामिल थे, पंजाब पहुंची. यहां उन्होंने ‘अंडरकवर’ मोड में काम शुरू किया. एडिशनल एसपी नरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि पुलिस टीम ने आरोपियों के निवास के आसपास सिविल ड्रेस में रेकी की. जांच के दौरान पुलिसकर्मियों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए आम लोगों की तरह व्यवहार किया. एक पुलिसकर्मी ने गन्ने के जूस की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया, वहीं दूसरा रिक्शा चलाकर आरोपियों की तलाश में जुट गया. पिछले सात-आठ दिनों से पुलिस टीम इसी तरह पंजाब के शाहकोट (जिला जालंधर) में आरोपियों की टोह ले रही थी.
शाहकोट में धर दबोचा
आखिरकार, पुलिस की मेहनत रंग लाई और पंजाब के थाना शाहकोट से दोनों फरार आरोपियों वीरपाल और जगविंदर सिंह को धर दबोचा गया. गिरफ्तारी के बाद, उन्हें जालंधर के नकोदर स्थित कोर्ट में पेश किया गया और ट्रांजिट रिमांड पर खरगोन वापस लाया गया. इस फरारी के चलते जैतापुर पुलिस स्टेशन में लापरवाही सामने आई थी. डीआईजी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि जिस समय तस्कर पुलिस कस्टडी में थे, ड्यूटी पर तैनात दो पुलिसकर्मी — अभय और मस्तराम — में से एक सो गया था और दूसरा ड्यूटी पर मौजूद नहीं था. इसी वजह से तस्कर भागने में सफल रहे. दोनों को निलंबित कर दिया गया था. पुलिस ने बताया कि वीरपाल ने अपनी पतली कलाई का फायदा उठाकर हथकड़ी से हाथ निकाल लिया था, फिर दराज से चाबी ढूंढकर हथकड़ी खोल ली, जबकि जगविंदर हथकड़ी समेत ही फरार हो गया था.