जैसीनगर के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं कुछ लोग, नहीं बदला जाएगा जैसीनगर का नाम: गोविंद सिंह राजपूत
राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जब जैसीनगर आए थे, तो उनके सामने जैसीनगर का नाम बदलकर जयशिवनगर करने की बात आई थी, तब उन्होने कहा था कि इसका प्रस्ताव भिजवाए तब इस पर विचार किया जावेगा। अभी तक न तो कोई प्रस्ताव भेजा गया और न ही कोई निर्णय हुआ है। जिला प्रशासन एसडीम द्वारा भी नाम बदलने को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है और ना ही कोई प्रस्ताव भेजे जाने की कार्यवाही हो रही है।

जैसीनगर का नाम बदलने की चर्चा पर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने लगाया विराम
भोपाल। पिछले कुछ दिनों से सागर जिले की सुरखी विधानसभा क्षेत्र के जैसीनगर में कुछ लोग भ्रम फैला कर लोगों को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। जिसको लेकर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि जनता का फैसला सर्वमान्य है। जैसीनगर के नाम पर कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं और हमारी भोली भाली जनता को बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वह यह नहीं जानते कि यह जनता सब जानती है कि कौन क्या कर रहा है।
राजपूत ने क्षेत्रवासियों से अपील करते हुए कहा कि किसी के बहकावे में न आए तथा अपने क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जो आप लोग चाहेंगे वही होगा, जैसीनगर का नाम नहीं बदला जाएगा। जिन लोगों ने यह षड्यंत्र रचा है उनके लिए हमारे क्षेत्र की जनता ही जवाब देगी। हम आपके साथ हैं और हमारा संकल्प है कि हमेशा आपकी सेवा करते रहे। श राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के जैसीनगर आगमन पर उनके समक्ष जैसीनगर का नाम बदलकर जय शिव नगर करने की बात रखी गई थी। यह बात भी जैसीनगर की आम जनता की थी। मंत्री राजपूत ने बताया की जैसीनगर एक ऐतिहासिक नगर है, जो क्षत्रिय समाज की वैभवशाली परंपरा और हिंदू धार्मिक विरासत का प्रतीक है।
यहां एक प्राचीन बड़े महादेव का मंदिर भी है। जो भगवान शिव की पूजा का प्राचीन केंद्र है। यह मंदिर स्थानीय संस्कृति और धार्मिक विरासत का जीवंत प्रतीक है। मंदिर की स्थापना राजा जयदेव सिंह द्वारा ही की गई मानी जाती है, जो हिंदू धर्म के संरक्षण में क्षत्रिय शासकों की भूमिका को रेखांकित करता है। जैसीनगर के नाम परिवर्तन का विचार क्षत्रिय समाज के इतिहास और संस्कृति को एकीकृत करने का एक सामूहिक प्रयास के रूप में उभरा था। राजा जय सिंह के नाम के जय को आधार बनाते हुए भगवान शिव के नाम को जोड़कर जय शिव नगर बनाने का सुझाव दिया गया। यह विचार व्यक्तिगत निर्णय नहीं था, अपितु समाज के सभी वर्गों की सर्वसम्मति पर आधारित था। क्षत्रिय समाज के साथ स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श एवं उनके मत को ध्यान में रखकर ही विचार किया था, जैसीनगर का नाम यथावत ही रखा जा रहा है इसमें कोई परिवर्तन नहीं होगा। श्री राजपूत ने कहा कि बिना किसी कारण के यह तो वही बात हुई सूत न कपास जुलाहों में लठा-लठी तिल को ताड़ बनाया जा रहा है।
नहीं भेजा गया कोई प्रस्ताव
राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जब जैसीनगर आए थे, तो उनके सामने जैसीनगर का नाम बदलकर जयशिवनगर करने की बात आई थी, तब उन्होने कहा था कि इसका प्रस्ताव भिजवाए तब इस पर विचार किया जावेगा। अभी तक न तो कोई प्रस्ताव भेजा गया और न ही कोई निर्णय हुआ है। जिला प्रशासन एसडीम द्वारा भी नाम बदलने को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है और ना ही कोई प्रस्ताव भेजे जाने की कार्यवाही हो रही है।
राजपूत ने कहा कि राजा जयसिंह के नाम से ही इस ग्राम पंचायत का नाम जैसीनगर पडा है। राजा जयसिंह हम सबके गौरव है। उनके नाम से कोई राजनीति नही होना चाहिए।