सीएम मोहन यादव के सख्त निर्देश, परिवहन विभाग की बड़ी कार्रवाई,फर्स्ट एड बॉक्स बिना अब नहीं दौड़ेगी बस

मध्यप्रदेश में सीएम डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर परिवहन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की। बिना फर्स्ट एड बॉक्स वाली बसों पर चालान और परमिट रोक, 1718 बसों की जांच। जबलपुर एटीएस में गड़बड़ी उजागर, आईआईटी खड़गपुर के साथ स्पीड मैनेजमेंट पॉलिसी बनेगी।

सीएम मोहन यादव के सख्त निर्देश, परिवहन विभाग की बड़ी कार्रवाई,फर्स्ट एड बॉक्स बिना अब नहीं दौड़ेगी बस

भोपाल, सड़क सुरक्षा को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त रुख अपनाया है। उनके निर्देश पर परिवहन विभाग ने 22 सितम्बर से प्रदेशभर में विशेष जांच अभियान शुरू किया है। अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी यात्री बस बिना फर्स्ट एड बॉक्स के सड़क पर न चले।

1718 बसों की जांच, चालान की कार्रवाई

गुरुवार को परिवहन विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में 1718 यात्री बसों की जांच की। जिन बसों में फर्स्ट एड बॉक्स नहीं पाया गया, उनके खिलाफ चालान काटा गया। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना फर्स्ट एड बॉक्स किसी भी बस को परमिट जारी नहीं किया जाएगा।

ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन पर गड़बड़ी उजागर

परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा के निर्देश पर जबलपुर स्थित मनाली इंडस्ट्रीज एटीएस की जांच की गई। जांच में यह पाया गया कि कई वाहनों को एचएसआरपी नंबर प्लेट और रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप न होने के बावजूद फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया था। इसके अलावा स्टाफ का अनिवार्य प्रशिक्षण भी अधूरा पाया गया। इस पर विभाग ने एटीएस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

आईआईटी खड़गपुर के साथ बनेगी स्पीड मैनेजमेंट पॉलिसी

दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग ने आईआईटी खड़गपुर और कंज्यूमर वॉइस संस्था के साथ मिलकर भोपाल में स्पीड मैनेजमेंट पर स्टेकहोल्डर कॉन्फ्रेंस आयोजित की।

आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर डॉ. भार्गव मैत्रा ने सुझाव दिया कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार डायनमिक स्पीड लिमिट तय की जाए। साथ ही दुर्घटना संभावित स्थानों पर लोगों को नि:शुल्क परामर्श देने और तकनीक से स्पीड मॉनिटरिंग कर उल्लंघन पर लाइसेंस निलंबन की सिफारिश की गई।

कॉन्फ्रेंस में एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और आरआरडीए के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

लाइसेंस को निलंबित करने की अनुशंसा

कांफ्रेंस में यह तय हुआ कि उन स्थानों को चयनित किया जाये, जहाँ दुर्घटना की ज्यादा संभावना है। वहाँ नागरिकों को नि:शुल्क परामर्श दिया जाये। इसी के साथ उन चयनित स्थानों पर टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्पीड की जाँच करने और उल्लंघन होने पर लाइसेंस को निलंबित करने की अनुशंसा की गयी। इस पूरी प्रक्रिया के लिये आईआईटी खड़गपुर विस्तृत प्रस्ताव परिवहन विभाग को देगा। कॉन्फ्रेंस में असीम सान्याल, सीईओ कंज्यूमर वाइज़ एवं एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम एवं आरआरडीए के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।