मुख्य सचिव बनकर की कलेक्टर को फर्जी कॉल:हैलो, मैं मुख्य सचिव बोल रहा हूं...ठगों ने कलेक्टर को फोन कर दिए निर्देश, बाप-बेटे समेत 3 गिरफ्तार

सिंगरौली में मुख्य सचिव बनकर कलेक्टर को फर्जी कॉल करने का मामला सामने आया है। मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कलेक्टर गौरव बेनल ने इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा किया है।

मुख्य सचिव बनकर की कलेक्टर को फर्जी कॉल:हैलो, मैं मुख्य सचिव बोल रहा हूं...ठगों ने कलेक्टर को फोन कर दिए निर्देश, बाप-बेटे समेत 3 गिरफ्तार

सिंगरौली जिले में एक अनोखी ठगी का मामला सामने आया है। एक अनजान व्यक्ति ने खुद को मध्यप्रदेश का मुख्य सचिव बताकर कलेक्टर के सरकारी मोबाइल पर फोन किया। पुलिस ने इस मामले में भोपाल से सचिन मिश्रा नाम के युवक को गिरफ्तार किया है। उसके पिता और एक अन्य व्यक्ति को भी पकड़ा गया है।

सिंगरौली: मध्य प्रदेश में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक के द्वारा सिंगरौली के कलेक्टर गौरव बैनल को फोन किया जाता है और कहा जाता है कि 'हेलो, मैं भोपाल से बात कर रहा हूं, मुख्य सचिव'. युवक अपने पिता और रिश्तेदारों के करोड़ों का काम स्वीकृत करने के लिए कलेक्टर पर दबाव बनाता है. जिसे सुन कलेक्टर भी हैरान रह गए. फिलहाल पुलिस ने जांच कर फर्जीवाड़े का खुलासा कर 3 लोगों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है.

सिंगरौली कलेक्टर ने दर्ज कराई शिकायत

ये पूरा मामला 25 अक्टूबर का है. कलेक्टर अपने ऑफिस में बैठे थे. इसी दौरान उनके पास भोपाल से एक फोन आता है. फोन पर बात कर रहा व्यक्ति कहता है कि 'हेलो, मैं भोपाल से मुख्य सचिव बात कर रहा हूं. मेरे लोग आपसे मिलने गए हैं, उन्हें काम की स्वीकृति दे दीजिए.' इस तरह की बात सुनकर कलेक्टर हैरान हो गए और उन्हें इस बात पर कुछ शक हुआ. जिसके बाद उन्होंने तत्काल थाना बैढ़न में इसकी शिकायत की.

फर्जी मुख्य सचिव बनाकर भोपाल से अपने पिता और अपने रिश्तेदार को काम दिलवाने के लिए पहले तो कलेक्टर को कॉल किया और फिर अपने पिता और रिश्तेदार को कलेक्ट्रेट ऑफिस में भेज दिया. इसके बाद सचिंद्र तिवारी और बीपी मिश्रा फर्जी मुख्य सचिव सचिन मिश्रा के कहने पर षड्यंत्र के तहत डीएमएफ संबंधी कार्य की स्वीकृत करवाने कलेक्ट्रेट पहुंच गए.

आईटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज

कलेक्टर गौरव बैनल ने अपनी शिकायत में बताया कि ''कलेक्टर सिंगरौली के शासकीय मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर बताया कि वह मुख्य सचिव बात कर रहा है और कलेक्टर से अपने पिता और रिश्तेदार को करोड़ों का काम स्वीकृत करने का प्रयास कर रहा है.'' शिकायत मिलने के बाद शुरुआती जांच में पाया गया कि वह व्यक्ति अपनी पहचान छुपा रहा है और फर्जी मुख्य सचिव बनकर बात कर रहा है. जिसको लेकर आईटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया.

न्यायालय में पेश कर तीनों को भेजा जेल

सिंगरौली पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने बताया कि "इस मामले में जिला कलेक्टर को मुख्य सचिव बनकर भोपाल से सचिन मिश्रा ने कॉल किया था. कलेक्टर कार्यालय की शिकायत पर जांच में पाया गया कि मुख्य सचिव का नाम लेकर फर्जीवाड़ा की योजना थी. युवक नकली मुख्य सचिव बनाकर अपने पिता और रिश्तेदार को डीएमएफ के तहत कार्यों की स्वीकृति के लिए फोन कर रहा था. जिस पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है. इस फर्जीवाड़े में संलिप्त सचिन मिश्रा के पिता बीपी मिश्रा और रिश्तेदार सचिंद्र तिवारी को भी न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है."