शिक्षक ने स्कूल के अंदर फंदा लगाकर दी जान, परिजन बोले- बीएलओ के काम से थे डिप्रेशन में,मोबाइल चलाना नहीं आता था…सर्वे का प्रेशर था
शिक्षक उदयभान सिहारे लंबे समय से बीएलओ का अतिरिक्त दायित्व निभा रहे थे। परिवारजनों के मुताबिक हाल के दिनों में चुनाव कार्यों से संबंधित रिपोर्टिंग, डाटा अपडेट और लगातार मिल रहे निर्देशों से वे मानसिक रूप से परेशान थे।
दतिया भांडेर विधानसभा क्षेत्र से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। शासकीय हाईस्कूल विद्यालय सालोन बी में पदस्थ प्रयोगशाला सहायक उदयभान सिंह सिहारे ने सोमवार को विद्यालय भवन के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सहकर्मियों के अनुसार, वे पिछले कुछ दिनों से चुपचाप रहते थे और काम को लेकर बेहद चिंतित दिखाई दे रहे थे।
दतिया जिले में एक टीचर ने स्कूल परिसर में वॉशरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पंडोखर थाना क्षेत्र के ग्राम सालोंन बी स्थित प्राइमरी स्कूल में मंगलवार को घटना के समय स्कूल में बच्चे और अन्य शिक्षक भी थे.
बता जा रहा है कि उदयभान सिहारे (50), पुत्र लक्ष्मी नारायण सिहारे लंबे समय से मानसिक तनाव में थे। हाल ही में उन्हें बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था, जिससे वे परेशान चल रहे थे।
वॉशरूम से नहीं लौटे तो स्टाफ ने ढूंढ़ा सुबह करीब 11 बजे शिक्षक उदयभान वॉशरूम गए थे। वे काफी देर तक बाहर नहीं निकले। साथी शिक्षकों ने आवाज लगाई। कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उन्होंने गेट तोड़कर अंदर झांका। उदयभान रोशनदान से बंधी रस्सी के फंदे पर लटके थे। ये देखकर सभी होश उड़ गए। फौरन पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची पंडोखर थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा।
भाई ने कहा- BLO बनने के बाद परेशान थे उदयभान के भाई धर्मेंद्र सिहारे ने बताया कि भाई उदयभान बीएलओ का काम मिलने के बाद से काफी तनाव में थे। उन्हें मोबाइल चलाना या बाइक चलाना नहीं आता था, फिर भी उन पर एसआईआर और सर्वे संबंधी कार्यों का अतिरिक्त दबाव डाला गया।
बीएलओ का काम शुरू होने के बाद वे अधिक परेशान रहने लगे थे। कई बार इससे छुटकारा पाने की बात भी कही थी।
कलेक्टर बोले- परेशान हैं तो मुझसे मिले कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि, मेरी जानकारी में आया है कि एक बीएलओ ने आत्महत्या की है। इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं है। बीएलओ को दिए जाने वाले काम शासन के तय दायरे में और नियमानुसार होते हैं। निर्वाचन संबंधी दायित्व नियमित प्रक्रिया का हिस्सा हैं। इसके लिए पृथक भत्ता भी दिया जाता है।
उन्होंने आगे कहा- मैं सभी बीएलओ साथियों से अपील करता हूं कि अगर कोई काम के दौरान हेल्थ प्रॉब्लम या पारिवारिक परिस्थिति के कारण मुश्किल का सामना कर रहा है, तो वह तत्काल सूचित करे।
ऐसे मामलों में काम का विकल्प उपलब्ध कराया जाता है। शासन के दायित्वों का निर्वहन हम सबका कर्तव्य है, फिर भी कोई भी कर्मचारी कठिनाई महसूस करता है तो सीधे मुझसे मिल सकता है।
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस