राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो का जातिगत बयान संवैधानिक गरिमा पर प्रहार, तत्काल बर्खास्त किया जाए:
दमोह में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य प्रियंक कानूनगो द्वारा दिए गए कथित जातिगत बयान को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ. संदीप सबलोक ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कानूनगो का बयान संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन और सामाजिक सौहार्द पर हमला है।
कांग्रेस ने NHRC सदस्य के बयान को बताया संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन
दमोह/भोपाल –राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य प्रियंक कानूनगो द्वारा दमोह में दिए गए अति-विवादित जातिगत बयान को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता तथा दमोह जिले के मीडिया प्रभारी डॉ. संदीप सबलोक ने उन पर तीव्र और सीधा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कानूनगो का बयान न केवल संवैधानिक मर्यादा का खुला उल्लंघन है, बल्कि यह देश के सामाजिक ढांचे और जातीय एकता पर सीधा आघात है।
संवैधानिक संस्था के सदस्य का 'सामाजिक सौहार्द का मखौल उड़ाने का घिनौना प्रयास'
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एवं दमोह जिला प्रभारी डॉ. संदीप सबलोक ने कड़े शब्दों में कहा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग जैसे उच्च संवैधानिक संस्थान के सदस्य को जाति-अर्थ के आधार पर टिप्पणी करना शोभा नहीं देता। यह हर नागरिक के समान अधिकारों और सम्मान की भावना को ध्वस्त करने वाला कदम है। प्रियंक कानूनगो का दमोह में दिया गया बयान केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान की आत्मा के विरुद्ध है।
डॉ. सबलोक ने आगे कहा कि कानूनगो ने कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष श्री मुकेश नायक के प्रति जिस तरह की ओछी भाषा का प्रयोग किया, वह 'सामाजिक सौहार्द का मखौल उड़ाने का घिनौना प्रयास' है। उन्होंने कहा कि एक संवैधानिक पदाधिकारी से ऐसी संकीर्ण मानसिकता की अपेक्षा नहीं की जा सकती है।
कानूनगो संवैधानिक जिम्मेदारी नहीं, 'जातिगत एजेंडे' पर कर रहे हैं काम
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. संदीप सबलोक ने आगे कहा कि इस बयान से स्पष्ट है कि प्रियंक कानूनगो संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने के बजाय राजनीतिक द्वेष और जातिगत एजेंडे पर काम कर रहे हैं। कानूनगो का पद, विचार और बयान – तीनों ही इस समय एक गंभीर सवाल के घेरे में हैं। यह केवल कांग्रेस बनाम कानूनगो का मामला नहीं है, यह संविधान बनाम जातिगत राजनीति का प्रश्न है। यदि ऐसे बयानों पर कार्रवाई नहीं होती, तो यह संदेश जाएगा कि संवैधानिक संस्थाओं की पवित्रता अब राजनीतिक आकाओं की सुविधा के अनुसार परखी जाएगी।
कांग्रेस पार्टी की ओर से डॉ. सबलोक ने केंद्र सरकार समेत राष्ट्रपति महोदया से यह अंतिम माँग की है कि संविधान की रक्षा के लिए और संवैधानिक मर्यादा भंग करने के आरोप में प्रियंक कानूनगो को तत्काल पद से बर्खास्त किया जाए।
तथा उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए ताकि भविष्य में कोई भी संवैधानिक पदाधिकारी अपनी सीमाएँ लांघने की जुर्रत न कर सके।
डॉ. सबलोक ने चेतावनी दी है कि यदि बर्खास्तगी और कार्रवाई में देरी की गई, तो पार्टी प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर बड़े आंदोलन की रणनीति अपनाएगी। उन्होंने कहा, “हम लोकतांत्रिक मर्यादाओं के भीतर रहकर इस लड़ाई को अंत तक लड़ेंगे, क्योंकि यह मामला किसी व्यक्ति का नहीं — संविधान और सामाजिक समानता का है।”
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस