एम. पी गजब है : शहडोल में शिक्षा विभाग का ऑयल पेंट घोटाला, 24 लीटर पेंट की रंगाई में तीन लाख खर्च, जानें पूरा मामला

शहडोल में शिक्षा विभाग का बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां दो स्कूलों में सिर्फ 24 लीटर पेंट पोतने के लिए 443 लेबर और 215 मिस्त्री लगे। 4704 रुपए के इस पेंट को पोतने का 3.38 लाख खर्च का भुगतान किया गया। इन बिलों की कॉपी सामने आने के बाद विवाद बढ़ गया है। ये कारनामा ब्यौहारी स्थित दो सरकारी स्कूलों में किया गया है।

एम. पी गजब है : शहडोल में शिक्षा विभाग का ऑयल पेंट घोटाला, 24 लीटर पेंट की रंगाई में तीन लाख खर्च, जानें पूरा मामला

हाई स्कूल सकन्दी में सिर्फ 4 लीटर ऑयल पेंट की खरीद की गई थी, जिसकी कीमत 784 रुपए बताई गई है यानी 196 रुपए प्रति लीटर। लेकिन इस पेंट को दीवार में लगाने के लिए 168 मजदूरों और 65 मिस्त्रियों को काम पर लगाया गया। इनको 1,06,984 रुपए का भुगतान किया गया।

शहडोल. मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में शिक्षा विभाग से जुड़े दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जिन्होंने न केवल सरकारी कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए हैं, बल्कि भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को भी उजागर किया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे 2 सरकारी बिलों ने प्रदेश में एक नए किस्म के घोटाले की तरफ इशारा किया है, जिसे फिलहाल “ऑयल पेंट घोटाला” का नाम दिया जा रहा है. इन बिलों में मात्र 24 लीटर ऑयल पेंट को स्‍कूल दीवारों पर लगाने के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान किया गया है, और हैरानी की बात यह है कि ये बिल बाकायदा पास होकर उनका भुगतान भी हो चुका है.

मामला शहडोल जिले के ब्यौहारी स्थित दो सरकारी स्कूलों, हाई स्कूल सक्कन्दी और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, निपानिया का है. इन दोनों स्कूलों में ऑयल पेंट खरीदने और उसे लगाने के नाम पर जो खर्च दिखाया गया है, वह किसी भी सामान्य व्यक्ति को चौंकाने वाला है. लोगों का कहना है कि सैकड़ों मजदूर और मिस्‍त्री को कैसे लगाया गया ? क्‍या एक ही ठेकेदार, सुधाकर कंस्ट्रक्शन के पास सैकड़ों मजदूर और मिस्‍त्री काम करते हैं? अगर ऐसा है तो क्‍या उसने इन मजदूरों को लेकर सरकार से लाइसेंस लिया है? ठेकेदार, सुधाकर कंस्ट्रक्शन के बैंक खातों से पता चल सकता है कि क्‍या उसने मजदूरों और मिस्‍त्री और अन्‍य निर्माण एजेंसियों को पेमेंट किया, या फिर ये रकम किसी और खातों में या किसी और सरकारी अफसर की जेब में पहुंच गई.

पहला मामला: हाई स्कूल सक्कन्दी, ब्यौहारी

सोशल मीडिया में वायरल हो रहे बिलके अनुसार सरकारी हाई स्कूल सक्कन्दी में महज 4 लीटर ऑयल पेंट खरीदा गया, जिसकी कीमत ₹784 (₹196 प्रति लीटर) बताई गई. लेकिन इस छोटे से काम के लिए जो मानव मजदूरों लगाया गया, वह अविश्वसनीय है. बिलों के अनुसार, इस 4 लीटर पेंट को दीवारों पर लगाने के लिए 168 मजदूरों और 65 मिस्त्रियों को काम पर लगाया गया. इन सभी का कुल भुगतान ₹1,06,984 तक पहुंच गया. यह आंकड़ा अपने आप में कई सवाल खड़े करता है: क्या 4 लीटर पेंट लगाने के लिए सचमुच इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों और मिस्त्रियों की आवश्यकता थी? क्या इन सभी ने वास्तव में काम किया था, या यह सब केवल कागजों पर था? क्‍या इन मजदूरों को रकम का भगुतान किया गया और कितनी रकम और किस माध्‍यम से दी गई. अगर इन्‍हें उसी दिन नकद भुगतान किया गया था तो क्‍या ठेकेदार ने इसकी कोई जानकारी सरकार को दी थी.