राजू दास बोले- स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत जूते से हो, इनका मुंह काला करना चाहिए : मंत्री की विवादित टिप्पणी पर भड़के हनुमानगढ़ी के पुजारी

हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है. उनका स्वागत मुंह काला करके होना चाहिए. मौर्य ने कहा था कि धन की देवी लक्ष्मी से भला होता तो देश में 80 करोड़ लोगों को जिंदगी सिर्फ 5-10 किलो चावल पर बितानी न पड़ती.

राजू दास बोले- स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत जूते से हो, इनका मुंह काला करना चाहिए : मंत्री की विवादित टिप्पणी पर भड़के हनुमानगढ़ी के पुजारी

हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. 

लक्ष्मी पूजा और दीपोत्सव को लेकर राजनीतिक बयानबाजी ने अयोध्या में नया विवाद खड़ा कर दिया है। हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने वीडियो जारी कर समाज में विद्वेष फैलाने वाले नेताओं के बयानों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पूर्व मंत्री आजम खां पर सीधे निशाना साधा।

राजू दास ने स्वामी प्रसाद मौर्य के लक्ष्मी पूजा को लेकर दिए गए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। राजू दास ने कहा- भगवान बुद्ध हमारे यहां 24 अवतारों में एक हैं और हनुमानगढ़ी के मुख्य द्वार पर उनकी मूर्ति स्थापित है। स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान सनातन पर टिप्पणी करने के समान है और इसकी हम निंदा करते हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य न आस्तिक हैं और न ही नास्तिक। ऐसे व्यक्ति को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है। उनका स्वागत मुंह काला करके होना चाहिए। वह आतंकी मानसिकता के व्यक्ति हैं, जो समाज में नफरत और विद्वेष फैलाते हैं। ऐसे व्यक्ति का जूते से स्वागत होना चाहिए।

दीपावली को लेकर अखिलेश की नकरात्मक टिप्पणी ठीक नहीं

हनुमानगढ़ी के पुजारी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के दीपोत्सव संबंधी पोस्ट को लेकर भी आपत्ति जताई। कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव के बारे में जो टिप्पणी की है, वह सही नहीं है। अयोध्या का दीपोत्सव इतना भव्य और पवित्र होता है कि इसमें सभी वर्ग के लोग मिलकर भाग लेते हैं। इतने भव्य त्योहार के बारे में नकारात्मक टिप्पणी करना अनुचित है। दीपोत्सव केवल रोशनी और सजावट का पर्व नहीं, बल्कि देश और दुनिया के कल्याण की भावना से लोग दीये जलाते हैं। यह भारतीय परंपरा में आर्थिक गतिविधियों का भी एक अहम हिस्सा है। ऐसे में इस प्रकार की सोच ठीक नहीं है।

आजम खां पर भी प्रहार

राजू दास ने आजम खां के बयान पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अब तो दीप जलाने से लोगों को डर लगने लगा है। बकरीद पर निर्दोष जानवरों की हत्या और खून बहाने पर डर नहीं लगता, लेकिन दीपोत्सव से डर लगता है। अयोध्या में इतना भव्य दीपोत्सव हुआ, पूरे देश में दीवाली का महापर्व हर्ष और सौहार्द के साथ मनाया गया, लेकिन कुछ नेताओं को इससे डर लगता है। शासन को ऐसे बयान देने वालों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”

स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान

स्वामी प्रसाद मौर्य, जो अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहते हैं, ने दीपोत्सव के अवसर पर भी एक बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि धन की देवी लक्ष्मी से भला होता तो देश में करोड़ों लोगों को केवल 5-10 किलो चावल पर जिंदगी नहीं बितानी पड़ती। उन्होंने गृहणी लक्ष्मी और बाहरवाली लक्ष्मी के बीच तुलना करते हुए कहा कि “घर की असली लक्ष्मी गृहणी होती है, जो घर को सुंदर, साफ और स्वर्ग से भी सुंदर बनाती है। घर के सभी सदस्यों को प्रेम की डोर से जोड़ती है और परिवार में एकता बनाए रखती है। बाहरवाली लक्ष्मी केवल बाहर से आती है और चली जाती है, इसलिए हमारी हालत सुधर नहीं पाती।”

मौर्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में यह भी लिखा कि दीपोत्सव महापर्व पर सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए, यह ध्यान रखना चाहिए कि दीप केवल अपने घर में ही नहीं, बल्कि पड़ोसी के घर में भी जलें। उन्होंने कहा कि असली लक्ष्मी गृहणी है, जो घर को स्वर्ग बनाती है, और यदि धन की देवी वास्तविक रूप में मदद करती, तो करोड़ों बेरोजगार युवाओं को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास के बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर हलचल बढ़ गई है। पुजारी ने अपने तीखे शब्दों के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया कि वे किसी भी तरह की नकारात्मक सोच और समाज में भय फैलाने वाले बयानों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। अयोध्या में दीपोत्सव का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

राजू दास ने नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि इस प्रकार की नकारात्मक मानसिकता ठीक नहीं है और नेताओं को जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दीपोत्सव जैसे महापर्व में सौहार्द, प्रेम और भाईचारे की भावना फैलाने का प्रयास होना चाहिए, न कि भय और विवाद।

अयोध्या में इस बार दीपोत्सव भव्य रूप से मनाया गया। सरयू तट पर लाखों दीपों की जगमगाहट ने नगर को रोशन कर दिया, और पूरे देश से श्रद्धालु अयोध्या में एकत्र हुए। ऐसे में किसी भी नेता का नकारात्मक बयान इस पवित्र पर्व की भावना के खिलाफ माना जा रहा है।

राजू दास के बयान और स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित पोस्ट के बीच इस मुद्दे ने अयोध्या में धर्म, परंपरा और राजनीति को लेकर नई बहस शुरू कर दी है।