मस्जिद नमाज पढ़ने के लिए, प्रदर्शन के लिए नहीं...', 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद पर बोले कांग्रेस सांसद इमरान मसूद
मोहम्मद' पोस्टर विवाद को लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है। सांसद इमरान मसूद और विधायक शाहनवाज खान को पुलिस ने बरेली रवाना होने से पहले ही घरों पर रोक दिया। दोनों जनप्रतिनिधियों के घरों के बाहर पुलिस तैनात है और आने-जाने वालों पर सख्त नजर रखी जा रही है।

उत्तर प्रदेश स्थित बरेली में i love muhammad विवाद के बाद हुई हिंसा पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रतिक्रिया दी है. बता दें राज्य के कई जिलों में अभी अलर्ट है.
उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान को लेकर उठे विवाद और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने शनिवार को कहा कि मस्जिदें नमाज के लिए होती हैं, सड़क पर हिंसा के लिए नहीं. मसूद ने सहारनपुर में पत्रकारों से कहा, “मस्जिदें नमाज के लिए होती हैं, सड़क पर हिंसा के लिए नहीं. हर मुसलमान को मोहम्मद से प्यार है और इसे जाहिर करने के लिए कोई तमाशा खड़ा करने की जरूरत नहीं है.” कांग्रेस सांसद ने मुसलमानों से मोहम्मद के प्रति प्रेम दिखाने के लिए सड़कों पर तमाशा खड़ा करने के बजाये उनके सिद्धांतों का पालन करने की अपील.
नमाज पढ़ने की जगह है मस्जिद
इमरान मसूद ने कहा कि मस्जिद नमाज पढ़ने के लिए है. कुछ लड़के वहां नमाज पढ़ने के बजाय प्रदर्शन करते हैं. इस वजह से नमाजी भी इसमें शामिल हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल गलत है और इसे रोका जाना चाहिए. मसूद ने कहा कि यह चार-पांच नए लड़के इस तरह की हरकतें करते हैं, जिससे पूरे समुदाय का नाम खराब होता है. उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे ऐसे मामलों में न पड़ें और नफरत का शिकार न बनें.
कांग्रेस सांसद ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में इस समय देश को बचाने की लड़ाई चल रही है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था खराब हो चुकी है और घर में खाने के लिए कुछ नहीं बचा है. इन सब सवालों से बचने के लिए ऐसे राजनीतिक मुद्दे बनाए जा रहे हैं.
मसूद ने आगे कहा कि सरकार की रणनीति का हिस्सा नहीं बनना है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने फतेहपुर और मुजफ्फरनगर में हुई घटनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन एक छोटे से पोस्टर पर हाथ-पैर तोड़ दिए.
गांधी की विचारधारा के हैं हम
इमरान मसूद ने दावा किया कि वह गांधी की विचारधारा को मानने वाले लोग हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ऐसी स्थिति बना रही है. मसूद ने कहा कि सरकार को बुलडोजर चलाने का मौका नहीं देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का कानून उनके लिए अलग है और बाकियों के लिए अलग. बरेली बवाल में 38 लोगों को नामजद कर दिया गया, जिससे उनकी पढ़ाई और करियर खराब हो रहा है.