कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया उद्घाटन : हर जिले की परफॉर्मेंस रिपोर्ट होगी पेश
राजधानी भोपाल में मंगलवार को दो दिनी कमिश्नर-कलेक्टर्स कॉफ्रेंस शुरू हुई। सीएम डॉ. मोहन यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि जनता का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। हमें यह विश्वास बनाए रखना हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में भोपाल में पहली फिजिकल कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस शुरू. अफसरों की दो दिन की क्लास में सरकार की योजनाओं, टॉप और कमजोर जिलों की समीक्षा पर रहेगा फोकस.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के भोपाल में आज प्रदेशभर के कलेक्टर-कमिश्नर की बैठक रखी गई है. मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में ये बैठक होगी. इसमें जिलेवार हो रहे सभी कामों की समीक्षा की जाएगी.
प्रस्तुति के लिए मिलेंगे 20 मिनट
भोपाल में आज से कमिश्नर-कलेक्टर कांफ्रेंस आयोजित की गई है, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कांफ्रेंस होगी. इस मौके पर विषय संयोजक को प्रस्तुति के लिए 20 मिनट मिलेंगे. हर क्षेत्र में राज्य सरकार की प्राथमिकताएं बताई जायेंगी. राज्य सरकार के विजन के अनुरूप केन्द्र और राज्य सरकार की क्षेत्रीय प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों में सर्वश्रेष्ठ 5 और कमजोर 5 जिलों की समीक्षा की जाएगी.मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय और योजना विभाग चुनिंदा कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे.
इस पर भी होगी चर्चा
जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर रोजगार सृजन, लोगों के लिए सरकारी कल्याणकारी योजनाओं तक आसान पहुंच और पहलों के बारे में जागरूकता पर चर्चा होगी. सभी 8 सेक्टरों के लिए 75 मिनट का सत्र समय रखा गया है.
विजन 2047 और फील्ड की समस्याओं पर चर्चा
यह कॉन्फ्रेंस राज्य सरकार के ‘विजन 2047’ के तहत बुलाई गई है। इसमें कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से फील्ड में आने वाली चुनौतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही हर जिले की परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। इस दौरान छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड पर भी चर्चा होने की संभावना है।
मोहन सरकार के कार्यकाल की पहली बड़ी कॉन्फ्रेंस
यह मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल की पहली फिजिकल (सामने बैठकर होने वाली) कलेक्टर-कमिश्नर मीटिंग है। सामान्य प्रशासन विभाग ने कलेक्टर, एसपी, आईजी, संभागायुक्त, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी सीईओ को भी बुलाया है। मुख्य सचिव और डीजीपी की मौजूदगी में 8 अलग-अलग सेक्टरों पर चर्चा होगी।
फ्लैगशिप योजनाओं का रिव्यू, टॉप और बॉटम जिलों की लिस्ट बनेगी
कॉन्फ्रेंस में सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। इसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले टॉप 5 और कमजोर प्रदर्शन वाले बॉटम 5 जिलों की सूची जारी की जाएगी। इन आंकड़ों को कलेक्टरों के कामकाज से जोड़ा जाएगा। खराब प्रदर्शन वाले अधिकारियों को चेतावनी या बदलाव का सामना करना पड़ सकता है।
कलेक्टरों को 3 मिनट में बताना होगा अपना काम
चुने गए कुछ कलेक्टरों को अपने जिलों के नवाचार या खास पहल बताने के लिए मंच मिलेगा। उन्हें अधिकतम 2 से 3 मिनट का समय दिया जाएगा। एक सेक्टर में लगभग 6-7 कलेक्टरों को बोलने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा आधे घंटे का ओपन डिस्कशन भी रखा गया है।
मुख्य फोकस- जनसंवाद, रोजगार और योजनाओं की आसान डिलेवरी
सीएम और मुख्य सचिव जनसंवाद को मजबूत करने, स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाने और सरकारी योजनाओं की आसान डिलीवरी पर जोर देंगे। चर्चा इस बात पर भी होगी कि योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे और जिला स्तर पर जागरूकता अभियान कैसे बढ़ाए जाएं।
पहले दिन के एजेंडे
एग्रीकल्चर और उससे जुड़ी गतिविधियों पर चर्चा
हेल्थ और न्यूट्रीशन पर सेशन
रोजगार, उद्योग, निवेश, शहरीकरण और सुशासन पर बातचीत
शाम को सीएम निवास के समत्व भवन में सभी अधिकारियों के लिए डिनर का आयोजन किया जाएगा।
दूसरे दिन के मुद्दे
दूसरे दिन की शुरुआत जनसंपर्क और विभागीय समन्वय पर चर्चा से होगी। इसके बाद शिक्षा, ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य और कानून व्यवस्था पर अलग-अलग सेशन होंगे। कानून व्यवस्था से पहले जिला पंचायत सीईओ की अलग ट्रेनिंग कराई जाएगी।
17 विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे
कॉन्फ्रेंस में 17 प्रमुख विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। इनमें वन, कृषि, नगरीय विकास, वित्त, पंचायत-ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा, गृह, औद्योगिक नीति, योजना-सांख्यिकी, जनजातीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, स्कूल शिक्षा, किसान कल्याण, महिला-बाल विकास, परिवहन, राजस्व और विधि-विधायी कार्य विभाग शामिल हैं।