दिल्ली में डिजिटल नियम लागू: अब कोर्ट नोटिस आएगा वॉट्सएप-ईमेल पर

दिल्ली सरकार ने अदालती समन और गिरफ्तारी वारंट की ई-डिलीवरी के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब दिल्ली में वाट्सएप और ईमेल के माध्यम से कोर्ट के समन और वारंट भेजे जा सकेंगे जिससे समय की बचत होगी। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस अधिसूचना को मंजूरी दी थी।

दिल्ली में डिजिटल नियम लागू: अब कोर्ट नोटिस आएगा वॉट्सएप-ईमेल पर

दिल्ली में डिजिटल नियम लागू बदला कोर्ट समन देने का तरीका

दिल्ली में अब अदालत के समन और वारंट देने के लिए पुलिसकर्मी घर-घर नहीं जाएंगे। नई व्यवस्था के तहत समन और वारंट थाने से ही वॉट्सऐप और ई-मेल के जरिये भेजे जा सकेंगे। इसके लिए दिल्ली सरकार के सहयोग से सभी थानों में इलेक्ट्रॉनिक समन वितरण केंद्र बनाए जाएंगे।

उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना की मंजूरी के बाद इस संबंध में अधिसूचना जारी हो चुकी है। अभी तक पुलिसकर्मी गवाह या आरोपी के घर जाकर समन थमाते थे, जिससे समय और ईंधन की बर्बादी होती थी। अब अदालत केस सूचना प्रणाली (CIS) सॉफ्टवेयर से समन और वारंट जारी करेगी। इन पर अदालत की मुहर और अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर होंगे। सॉफ्टवेयर के जरिये दस्तावेज संबंधित थाने में पहुंचेंगे और वहां से ई-मेल या वॉट्सऐप द्वारा भेजे जाएंगे।

शिकायत दर्ज करते समय पुलिसकर्मियों को मोबाइल नंबर, ई-मेल और वॉट्सऐप नंबर लेना अनिवार्य होगा। अगर किसी के पास यह सुविधा नहीं है तो पुरानी व्यवस्था के तहत प्रिंट समन घर पहुंचाना पड़ेगा। प्रत्येक थाने में इसके लिए अलग टीम होगी और थानाध्यक्ष इसकी निगरानी करेंगे।

दिल्ली राजपत्र अधिसूचना के मुताबिक, डिजिटल रूप से समन भेजने के बाद उसका प्रिंट अदालत में साक्ष्य के रूप में भेजना होगा। वहीं अगर मेल द्वारा भेजा गया समन वापस नहीं लौटता है, तो माना जाएगा कि आरोपी या गवाह को यह मिल चुका है। नई व्यवस्था से न केवल पुलिसकर्मियों का समय और संसाधन बचेंगे बल्कि अदालत की प्रक्रिया भी तेज होगी।

अन्य एजेंसियों को भी करनी होगी व्यवस्था

दिल्ली में सभी अदालतों के भीतर यह व्यवस्था रहेगी, इसलिए न केवल दिल्ली पुलिस बल्कि सीबीआई, जीएसटी, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा आदि एजेंसियों को भी इस व्यवस्था के लिए तैयारी करनी होगी। उन्हें भी अपने दफ्तर में इलेक्ट्रॉनिक समन वितरण केन्द्र बनाना होगा ताकि किसी भी आरोपी, शिकायतकर्ता एवं गवाह को समन भेजने के लिए उनके कर्मचारी को परेशान न होना पड़े।