अतिथि शिक्षकों से सौतेला व्यवहार –रक्षाबंधन पर सवा लाख अतिथि शिक्षकों को नहीं मिला मानदेय – संवेदनशील मुख्यमंत्री कब लेंगे संज्ञान?
रक्षाबंधन जैसे पावन पर्व पर प्रदेश के सवा लाख अतिथि शिक्षकों को जुलाई माह का मानदेय नहीं मिला। अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि स्थायी शिक्षकों की तरह अतिथि शिक्षकों को भी ऑफलाइन उपस्थिति के आधार पर वेतन दिया जाए। 'हमारे शिक्षक' ऐप में तकनीकी खामियों, नेटवर्क की कमी और संसाधनों के अभाव के कारण ई-अटेंडेंस संभव नहीं हो पाया। वहीं रिक्त पदों को अब तक अपडेट नहीं किए जाने से फॉलन आउट अतिथि शिक्षक नियुक्ति से वंचित हैं। समिति ने सरकार से संवेदनशील निर्णय की अपेक्षा जताई है।

स्थायी शिक्षकों को मिला वेतन, पर अतिथि शिक्षकों से सौतेला व्यवहार – 50 हजार बहनों की उम्मीद टूटी
भोपाल।अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने प्रदेश के संवेदनशील और लोकप्रिय मुख्यमंत्री से मांग की है कि स्थायी शिक्षकों की तरह अतिथि शिक्षकों को भी ऑफलाइन उपस्थिति के आधार पर जुलाई माह का मानदेय भुगतान किया जाए।
उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस सत्र में सभी कर्मचारियों को ई-अटेंडेंस लगाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन ‘हमारे शिक्षक ऐप’ में तकनीकी समस्याएं, ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की कमी, एंड्रॉइड फोन की अनुपलब्धता और भारी बारिश के कारण ई-अटेंडेंस लगाना संभव नहीं हो पाया।
जब स्थायी शिक्षकों को ऑफलाइन उपस्थिति पर वेतन मिल सकता है, तो फिर अतिथि शिक्षकों से सौतेला व्यवहार क्यों?
विशेष रूप से 50,000 से अधिक महिलाएं अतिथि शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। ऐसे में रक्षाबंधन जैसे भावनात्मक त्यौहार पर मानदेय नहीं मिलना, सरकार की संवेदनशीलता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
रिक्त पदों की अपडेट न होने से फॉलन आउट अतिथि शिक्षक वंचित
लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के आदेश अनुसार संस्था प्रभारियों को पोर्टल पर रिक्त पदों को अपडेट करना था, लेकिन अब तक हजारों पद अपडेट नहीं हुए हैं। ऐसे में समिति ने मांग की है कि फॉलन आउट अतिथि शिक्षकों को भी अन्य अतिथि विद्वानों की तरह अवसर दिया जाए।
समिति का कहना है कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाया गया, तो यह मामला प्रदेश भर में आंदोलन का कारण बन सकता है।