विश्व कल्याणकारी महामांगलिक एवं पदवी अलंकरण महा महोत्सव: बाड़मेर जैन श्री संघ सर्वमंगलमय वर्षावास कुशल दर्शन दादावाड़ी, सूरत में
सूरत स्थित दादावाड़ी, श्री संघ सर्वमंगलमय वर्षावास कुशल दर्शन में परम पूज्य खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूषसागर सूरीश्वर जी महाराज साहेब के 25 उपवास सह सूरीमंत्र महालक्ष्मी पीठिका साधना की पूर्णाहुति के उपलक्ष्य में ‘रत्नत्रयी महोत्सव’ का भव्य आयोजन 10 से 12 अक्टूबर तक किया जाएगा।

25 उपवास साधना पूर्णाहुति एवं ‘युगनायक–धर्मशिरोमणि’ पदवी अलंकरण के साथ सूरत में रत्नत्रयी महोत्सव का भव्य आयोजन
Surat,परम पूज्य खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूषसागर सूरीश्वर जी म.सा. की 25 उपवास सह सूरीमंत्र महालक्ष्मी पीठिका साधना की पूर्णाहुति के शुभ अवसर पर 'रत्नत्रयी महोत्सव' का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह त्रिवेणी महोत्सव 10, 11 और 12 तारीख को आयोजित होगा, जिसमें आचार्य श्री को 'युगनायक - धर्मशिरोमणि' की पावन पदवी से अलंकृत किया जाएगा।
*विश्व कल्याणकारी महामांगलिक और साधना महोत्सव की पूर्णाहुति*
पूज्य आचार्य श्री ने 25 उपवास के साथ सूरीमंत्र महालक्ष्मी पीठिका साधना की मौन आराधना पूर्ण की है। संघ ने इस साधना और तपस्या को खरतरगच्छ परंपरा और संपूर्ण जिनशासन के लिए अभूतपूर्व आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रसारक बताया है। यह 25 उपवास सह मौन साधना अनुमोदना के लिए आयोजित 'रत्नत्रयी महोत्सव' धर्म, भक्ति, संयम और साधना का दिव्य संगम प्रस्तुत करेगा।
*ऐतिहासिक 'युगनायक - धर्मशिरोमणि' पदवी अलंकरण*
महोत्सव का मुख्य आकर्षण परम पूज्य खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूषसागर सूरीश्वर जी महाराज साहेब का 'युगनायक - धर्मशिरोमणि' पदवी से अलंकरण है।
इस पदवी की ऐतिहासिक घोषणा 4 सितम्बर 2025 को अजमेर स्थित श्री युगप्रधान दादागुरुदेव श्री जिनदत्तसूरी जी की प्रथम दादावाड़ी के जीर्णोद्धार के शिलान्यास मुहूर्त में हुई थी, जहाँ 125 से अधिक संघों के श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।अब, सूरत की पवित्र धरती पर ऐतिहासिक चातुर्मास में, चतुर्विध संघ और देश भर से पधारे 50 से अधिक संघों के श्रावक-श्राविकाओं की साक्षी में यह अलंकरण किया जाएगा। यह क्षण खरतरगच्छ के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से अंकित होने वाला एक युगप्रेरक अध्याय सिद्ध होगा।
*कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण*
इस तीन दिवसीय 'रत्नत्रयी महोत्सव' में निम्न प्रमुख कार्यक्रम होंगे:
• भव्य रथयात्रा एवं महा मांगलिक: चतुर्विध संघ की पावन उपस्थिति में।
• मौन साधना पूर्णाहुति: 25 उपवास सह महालक्ष्मी पीठिका साधना की अनुमोदना।
• ऐतिहासिक पदवी अलंकरण: ‘युगनायक – धर्मशिरोमणि’ पदवी से आचार्य श्री का अलंकरण।
• धार्मिक उद्घोषणाएँ: सह दीक्षा, प्रतिष्ठा, छरि पालित संघ मुहूर्त सहित प्रमुख अनुष्ठानों की घोषणा।
• पुस्तक विमोचन एवं खरतर प्रवर्तक श्री जिनेश्वरसूरी जी पूजन।
• संघ स्वामिवात्सल्य एवं प्रभु भक्ति की रमझट।
संघ के वरिष्ठ सदस्य चम्पालाल बोथरा ने इस अवसर पर कहा, "पूज्य खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूषसागर सूरीश्वर जी महाराज साहेब की 25 उपवास की साधना और सकल संघ को महा मांगलिक सुनने का अनुपम अवसर और उन्हें 'युगनायक - धर्मशिरोमणि' पदवी से अलंकृत किया जाना, हम सबके लिए सौभाग्य की बात है। यह रत्नत्रयी महोत्सव धर्म, साधना और संयम की त्रिवेणी है, जो संपूर्ण विश्व में मंगल और कल्याण का आलोक फैलाएगा। मैं समस्त जैन समाज और धर्मप्रेमी बंधुओं से इस ऐतिहासिक तपोत्सव और अलंकरण समारोह के साक्षी बनने का भाव रखे ।
चम्पालाल बोथरा सूरत