माँ-बेटे की मुस्कान से गूंजा सेवा आश्रम, टीम पहल और पुलिस की तत्परता से जच्चा-बच्चा सुरक्षित

मानसिक रूप से कमजोर गर्भवती महिला को बरेली पुलिस ने टीम पहल सेवा आश्रम में सुरक्षित आश्रय दिलवाया। अगले ही दिन महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। टीम पहल ने तुरंत सिविल अस्पताल और पुलिस को सूचना देकर माँ-बच्चे को सुरक्षित सौंपा। जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। बाद में पुलिस ने महिला के परिवार को खोजकर उससे मिलाया। समय पर मिले सहारे ने माँ और नवजात के चेहरे पर मुस्कान लौटा दी।

माँ-बेटे की मुस्कान से गूंजा सेवा आश्रम, टीम पहल और पुलिस की तत्परता से जच्चा-बच्चा सुरक्षित

राजेंद्र सिंह राजपूत 

माँ और उसके मासूम बच्चे की मुस्कान – टीम पहल की सेवा से रही सुरक्षित

बरेली (मध्यप्रदेश)जीवन के कठिन क्षण में यदि समय पर सहारा मिल जाए तो सेवा सार्थक हो जाती है। बरेली पुलिस और टीम पहल सेवा आश्रम ने मिलकर ऐसी ही मिसाल पेश की है।

खरगोन चौकी पुलिस ने मानसिक रूप से कमजोर, गर्भवती और अकेली मिली महिला को टीम पहल सेवा आश्रम में सुरक्षित आश्रय दिलवाया। अगले ही दिन महिला ने आश्रम में एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। बच्चे की किलकारी से पूरा आश्रम गूंज उठा।

सूचना मिलते ही टीम पहल ने सिविल अस्पताल और पुलिस प्रशासन को बुलाकर माँ और बच्चे दोनों को सुरक्षित सौंपा। जच्चा और बच्चा पूरी तरह स्वस्थ पाए गए। बाद में पुलिस ने महिला के परिवार को खोजकर बरेली बुलाया और उन्हें महिला को स्नेह व संरक्षण देने की समझाइश दी।

सोचने वाली बात यह है कि यदि इस महिला को समय पर आश्रय न मिलता तो प्रसव की स्थिति कितनी कठिन और चिंताजनक हो सकती थी। असहाय माँ और उसके नवजात को मुस्कान देने का संतोष ही समाज सेवा का सबसे बड़ा पुरस्कार है।

पुलिस और सिविल अस्पताल स्टाफ की तत्परता और सेवा भावना के लिए टीम पहल ने आभार व्यक्त किया है। संस्था का कहना है कि उनका परिवार हमेशा उन तक पहुंचेगा जिन्हें समाज ने भुला दिया है।