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सम्यग्दृष्टि ही धर्म की वास्तविक नींव है" - मुनिश्री समर्पित...
धर्म में केवल क्रियाएं नहीं, बल्कि शुद्ध भावना का होना अनिवार्य है।
आध्यात्मिक चिंतन:सदगुरु की महिमा और लोभ त्याग का संदेश...
धर्मसभा में आत्म-चिंतन,सदगुरु की शरण और लोभ-मुक्त जीवन की प्रेरणा
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस