दिव्यांग दंपत्ति की पीड़ा सुनकर जिलाधिकारी पहुंचे घर, बच्चों की पढ़ाई और रोज़गार की व्यवस्था का भरोसा :  जिलाधिकारी ने कहा – “चिंता मत कीजिए, सरकार आपके साथ खड़ी है”

दिव्यांग दंपत्ति अरुण और गोल्डी की गुहार पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने संवेदनशीलता दिखाते हुए तुरंत मदद की। दोनों दृष्टिबाधित हैं और परिवार में कोई आय का साधन नहीं है। जिलाधिकारी ने बच्चों की पढ़ाई आरटीई के तहत कराने, खाद्यान्न की नियमित आपूर्ति और नगर पालिका से रोज़गार की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। साथ ही स्वयं दंपत्ति के घर जाकर भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। इस पहल से दंपत्ति भावुक होकर खुशी के आंसू नहीं रोक पाए।

दिव्यांग दंपत्ति की पीड़ा सुनकर जिलाधिकारी पहुंचे घर, बच्चों की पढ़ाई और रोज़गार की व्यवस्था का भरोसा :   जिलाधिकारी ने कहा – “चिंता मत कीजिए, सरकार आपके साथ खड़ी है”

दिव्यांग दंपत्ति की गुहार पर संवेदनशीलता दिखाए जिलाधिकारी

बच्चों की पढ़ाई आरटीई के तहत कराने के निर्देश

खाद्यान्न और रोज़गार की व्यवस्था होगी सुनिश्चित

जिलाधिकारी स्वयं पहुंचे घर, कहा– “सरकार आपके साथ खड़ी है”

मदद पाकर भावुक हुए दिव्यांग दंपत्ति, छलके खुशी के आँसू

उरई । जनसुनवाई के दौरान सामने आई एक मार्मिक गुहार पर  जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने संवेदनशीलता दिखाते हुए तुरंत कार्यवाही की और दिव्यांग परिवार को राहत पहुंचाई।
दो दिन पूर्व उमरारखेरा, उरई निवासी अरुण (36 वर्ष) और उनकी पत्नी गोल्डी (35 वर्ष) जिलाधिकारी के पास पहुंचे थे। दोनों ने बताया कि वे दृष्टिबाधित हैं, आँखों से देख नहीं सकते। उनके वृद्ध माता-पिता (72 वर्ष) भी सहारे पर हैं और घर में कोई आय का साधन नहीं है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई कठिन हो रही है और स्कूल की फीस भर पाना असंभव है।
जिलाधिकारी ने तत्काल संज्ञान लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि आरटीई के तहत बच्चों की शिक्षा कराई जाए और उन्हें उत्तर प्रदेश शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। साथ ही जिला पूर्ति अधिकारी को आदेशित किया कि परिवार को नियमित खाद्यान्न की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।
जिलाधिकारी आज स्वयं दंपत्ति के घर पहुंचे और उनका हाल चाल जाना उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।साथ ही अधिशासी अधिकारी नगर पालिका उरई को निर्देशित किया कि परिवार को रोज़गार से जोड़ने की ठोस व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि वे आत्मनिर्भर होकर सम्मानजनक जीवन जी सकें। जिलाधिकारी की इस पहल से दिव्यांग दंपत्ति भावुक हो उठे और उनकी आंखों से खुशी के आँसू छलक पड़े।