श्रीकृष्ण ने हमें मानव-मानव में भेद करना नहीं सिखाया-डॉ. पाल
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शीला चौहान राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण-भारतीय साहित्य संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में विषय पर आभासी संगोष्ठी का आयोजन श्री कृष्ण जन्माष्टमी सोमवार को किया गया जिसकी अध्यक्षता करते हुए डॉ. हरिसिंह पाल महामंत्री नागरी लिपि परिषद) ने कहा कि श्रीकृष्ण ने हमें मानव-मानव में भेद करना नहीं सिखाया। उन्होने कहा कि आज सभी का जन्मदिन है क्योंकि हम उसी परमात्मा के अंश है इसलिये हमको भी जन्मदिन आज मनाना चाहिए और श्रीकृष्ण पर रचित साहित्य की विस्तार से चर्चा की। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के अध्यक्ष श्री ब्रजकिशोर शर्मा ने कहा कि हमें अर्जुन की तरह योगेश्वर कृष्ण के अनुयाई होने के लिये गीता को समझना पड़ेगा तभी हम जीवन की महाभारत जीत सकेंगे। प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा हिन्दी विभागाध्यक्ष विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन) ने कहा कि श्रीकृष्ण एक साथ मुरलीधर भी है और चक्रधर भी है। कृष्ण अंतरबाह्य बंधनो से मुक्त करते है उन्होने मुरली पर विस्तृत चर्चा की। डॉ बालासाहेब तोरस्कर ने कहा कि हमें कृष्ण के संदेश को साथ में लेकर चलना चाहिए और उन्होने उनके जन्म के बारे में विस्